कोरोना वायरस के खतरे के बीच ऐसे करें एसी का प्रयोग
| 4/25/2020 10:12:04 PM

Editor :- Mini

नई दिल्ली,
शहर का तापमान दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। इस बीच लोग एसी और कूलर के इस्तेमाल को लेकर भी अच्छे खासे कंफ्यूज है, एसी का प्रयोग किया जाएं या नहीं, यदि किया जाएं तो किस तरह किया जाएं। कोरोना वायरस और एसी से जुड़ी तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को एसी के इस्तेमाल संबंधी गाइडलाइन जारी की है। आईशेयर(इंडियन सोसाइटी रेफ्रिजरेटर एंड एअर कंडिशिनिंग इंजीनियरिंग)द्वारा तैयार की गई गाइडलाइन को कोरोना संक्रमण और इसमें तापमान की भूमिका संबंधी देश विदेश के शोधपत्रों को अध्ययन कर तैयार किया गया है। जिसमें केवल घरेलू प्रयोग नहीं, कोरोना वायरस का तापमान पर असर जानने के लिए व्यवसायिक और कोरोना मरीजों को किस स्तर का एसी दिया जाना चाहिए इसकी भी जानकारी दी गई है।
कोरोना वायरस और तापमान पर हुए विभिन्न अध्ययन के आधार पर देखा गया कि चार डिग्री सेल्सियस के तापमान पर वायरस आसानी से धरातल पर 14 दिन तक जीवित रह सकता है। 37 डिग्री सेल्सियस पर एक दिन तक, और 50 डिग्री सेल्सियस पर वायरस को तीस मिनट में असक्रिय किया जा सकता है। तापमान और वायरस के जीवन काल को देखते हुए एसी के प्रयोग के लिए इस तरह की गाइडलाइन तैयार की गई है, जिससे वायरस को कल्चर या बढ़ने के लिए अनुकूल तापमान न मिल पाएं।
क्या जरूरी है एसी के प्रयोग करें तो
अकसर देखा गया कि किसी भी घर में किसी एक कमरे में एसी लगा होता है तो वहां की मौजूद हवा ही कमरे के अंदर सकुलेट या घुमती रहती है। लेकिन कोरोना संक्रमण या वायरस को असक्रिय करने के लिए जरूरी है कि एसी के प्रयोग के साथ ही कमरे के खिड़की या वेंटिलेशन को भी बेहतर रखे, जिससे बाहर की स्वच्छ हवा भी कमरे में प्रवेश करती रहे। हालांकि एसी में लगे फैन फिल्टर हवा को स्वच्छ करने का काम करते हैं लेकिन पर्यावरण में पीएम का स्तर अधिक होने के कारण अधिक स्वच्छ हवा का प्रवेश नहीं हो पता है। एसी के प्रयोग के समय किचन या बाथरूम का एक्जास्ट फैन भी जरूर ऑन कर दें। किसी भी सूरत में एसी को 24 से 30 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर न चलाएं, इस दौरान कमरे की आद्रता 40 से 70 के बीच रहनी चाहिए। एसी का प्रयोग करने से पहले इसकी सर्विसिंग अवश्य होनी चाहिए, जिससे यह आद्रता का सही स्तर बरकरार रख सके।
कूलर का प्रयोग कर रहे हैं तो
कूलर को हवादार बालकनी या फिर खिड़की पर फिक्स करें, जिससे बाहर की स्वच्छ हवा से तापमान का स्तर सामान्य बना रहे। अधिकांश इवैपरेटिंग कूलर में फिल्टर फैन नहीं होते हैं, लेकिन इसे लगवाया जा सकता है। फिल्टर फैन होना इसलिए जरूरी है जिससे डस्ट पार्टिकल कूलर के जरिए कमरे में प्रवेश न करें। एक अच्छा कूलर ऐसा हो जो अंदर की गरम हवा बाहर और बाहर की शुद्ध हवा का प्रवाह कमरे की ओर कर सके।
छत का पंखा सबसे बेहतर
विभिन्न तरह के अध्ययन में कोरोना वायरस से बचाव के लिए सिलिंग फैन या छत के साधारण पंखे को सबसे सुरक्षित बताया गया है, जिसका प्रयोग करते हुए खिड़की या दरवाजे खुले रखे जाएं तो कमरे के तापमान को एक औसत आसामदायक(24 से 30 डिग्री सेल्सियस)तापमान पर रखा जा सकता है।


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