कोरोना महामारी में सबसे अधिक प्रभावित हुए बाल अधिकार
| 11/19/2020 11:43:55 AM

Editor :- Mini

नई दिल्ली,
भारत में बच्चों के जीवन पर कोरोना संकट का प्रभाव विषय वाले सत्र बच्चों के स्वास्थ्य, उनकी सुरक्षा और पढ़ाई लिखाई के संकट तथा कोविड के बाद बच्चों के लिए एक अधिक स्थायी, सुरक्षित दुनिया को फिर से तैयार करने आदि विषयों पर ऑनलाइन चर्चा की गई। यूनिसेफ इंडिया की प्रतिनिधि डॉ. यास्मीन अली हक ने अपने मुख्य भाषण में कहा, कोविड-19 महामारी बाल अधिकारों के संकट के रूप में प्रकट हुई है। महामारी की वजह से बढ़ती गरीबी और असमानता ने आवश्यक सेवाओं को बाधित किया है जो बच्चों और युवाओं की स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा प्रदान करता है। हमें संपूर्ण समाज-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है क्योंकि बच्चों पर महामारी के प्रभाव तत्काल होते हैं और अगर ध्यान नहीं दिया गया तो वे वर्षों तक बने रह सकते हैं।"
स्वास्थ्य संकट का जिक्र करते हुए, यूनिसेफ इंडिया के प्रतिनिधि ने कहा कि हम जानते हैं कि कोविड-19 महामारी से स्वास्थ्य प्रणालियां तनावग्रस्त हैं, हालांकि हमें एक घातक बीमारी के खिलाफ अपनी लड़ाई को अन्य रोकथाम योग्य बीमारियों के खिलाफ अपनी लड़ाई की कीमत पर आड़े नहीं आने देना चाहिए। इसका मतलब है कि कोविड-19 महामारी पर ध्यान देने के साथ ही टीकाकरण से बचाव वाली सभी बीमारियों को रोकने के लिए टीकाकरण सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करना चाहिए। यूनिसेफ ने अगस्त -सितंबर 2020 की अवधि के दौरान अधिकारहीन आबादी पर कोविड महामारी के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पर एक समुदाय आधारित निगरानी तंत्र वेव-2 के परिणामों को भी साझा किया।
बच्चों पर डिजिटल विभाजन के प्रभाव पर ध्यान आकर्षित करते हुए, विशेष रूप से तब जब भारत में केवल एक चौथाई घरों (24 प्रतिशत) में इंटरनेट की उपलब्धता है और एक बड़ा ग्रामीण-शहरी और लैंगिक विभाजन है। डॉ. धीर झिंगरन, संस्थापक निदेशक, लैग्वेज ऐन्ड लर्निंग फाउंडेशन ने कहा, "इंटरनेट उपलब्धता से परे, दूरदराज के क्षेत्रों में सबसे गरीब छात्र और लड़कियों के पास स्मार्टफोन तक पहुंच नहीं है। अधिकारहीन बच्चे इसकी भारी कीमत चुका रहे हैं क्योंकि लाखों बच्चे स्कूल बंद होने के दौरान दूरस्थ शिक्षा हासिल नहीं कर पा रहे हैं।" उन्होंने स्कूलों को पुन: खोलने के लिए "रीइमेजनिंग" का आहृवान किया। मालूम हो कि 14 नवंबर को विश्व बाल दिवस से पहले और कोविड-19 महामारी की पृष्ठभूमि में, बाल अधिकार विशेषज्ञों ने विश्व के सबसे कम उम्र के नागरिकों को प्रभाव और संकट से बचाने के लिए पूर्ण प्रभाव को समझने और अधिक समय, संसाधन और प्रयास करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। यह आह्वान एक ऑनलाइन मीडिया पैनल चर्चा के दौरान किया गया था, जिसे आज यूनिसेफ द्वारा दक्षिण एशिया के विदेशी संवादाता क्लब की भागीदारी में आयोजित किया गया ।


Browse By Tags



Videos
Related News

Copyright © 2016 Sehat 365. All rights reserved          /         No of Visitors:- 556191