क्या है सरवाइकल कैंसर, क्यों जरूरी है वैक्सीन
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2/2/2024 3:41:02 PM
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केंद्रीय वित्त मंत्री ने बुधवार को जारी अंतरिम बजट में सरवाइकल कैंसर(Cervical Cancer) की वैक्सीन (Vaccine )निशुल्क देने की घोषणा की, इसके एक दिन बाद ही अभिनेत्री पूनम पांडे की सरवाइकल कैंसर की मौत की खबर आती है, पूनम पांडे लंबे समय से कैंसर से जूझ रही थी। एचपीवी यानि ह्यूमन पैपीलोमा वायरस महिलाओं के ग्रीवा या गर्भाश्य के मुख का कैंसर है, वर्ष 2022 की रिपोर्ट के अनुसार भारत सहित अन्य देशों में महिलाओं की कैंसर से होने वाली कुल मौत में सरवाइकल कैंसर को सबसे अधिक जिम्मेदार बताया गया है। वैक्सीन से निश्चित रूप से मामलों में कमी की जा सकती है। अब तक यह वेक्सीन निजी अस्पतालों पर ही उपलब्ध था, जिसकी कीमत दो से तीन हजार रुपए के बीच थी। लेकिन अब सरकारी अस्पतालों में नौ साल से 14 वर्ष की किशोरियों का सरवाइकल कैंसर का अपेक्षाकृत कम कीमत यानि 300 से 400 रुपए में टीकाकरण किया जाएगा।
सरवाइकल की देश में पहली स्वनिर्मित वैक्सीन पहले से ही उपलब्ध है। कोविड वैक्सीन बनाने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Sirum Institute of India ) द्वारा एचपीवी( Human papiloma vaccine) वैक्सीन बनाई जा रही है, इसलिए टीकाकरण के लिए भारत को इसे बाहर किसी देश से मंगाने की जरूरत नहीं होगी। लेकिन निजी संस्थान होने की वजह से इसकी कीमत प्रति डोज दो से तीन हजार रुपए तक पडती है, अन्य विदेशी कंपनियों की यह वैक्सीन पांच हजार रुपए तक में उपलबध है।अब प्रश्न यह उठता है कि अंतरिम बजट में की गई घोषणा के अनुसार सरकार किस तरह कम कीमत पर सरवाइकल वैक्सीन उपलब्ध कराएगी। जानकारों की मानें तो इस संदर्भ में सरकार की एसआईआई या सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से उच्च स्तरीय वार्ता हुई, जिसमें संस्थान कम कीमत पर सरकार को वैक्सीन देने के लिए राजी है। इसके बार यह वैक्सीन सरकारी अस्पतालों मे 300 से 400 रुपए तक की कम कीमत पर मिल पाएगी। यह वैक्सीन किस आयु वर्ग की बच्चियों के लिए अधिक बेहतर है? इस बावत एम्स की गाइनी विभाग की डॉ़ नीरजा बाटला करती हैं कि राष्ट्रीय टीकाकरण यानि मिशन इन्द्रधनुष में सरकार नौ साल से 14 साल तक लड्कियों को वैक्सनी देने की सिफारिश करता है। हालांकि 27 से 45 साल तक की उम्र की महिलाएं भी टीका लगवा सकती है। लेकिन कम उम्र में टीकाकरण करवाने से इसकी प्रभाविकता अधिक रहती है। मालूम हो कि सरवाइकल कैंसर के बढ्ते मामलों को लेकर पहली बार वर्ष 2022 में बीमारी के बोझ पर ताजा रिपोर्ट जारी की गई, जिसके बाद एचपीवी वैक्सीन की सिंगल खुराक की प्रभावशीलता पर साक्ष्य क्लीनिकल परिक्षण, डेटा और वैक्सीन की शुरूआत पर सिक्किम सरकार के अनुभवों के आधार पर टीकाकरण राष्ट्रीय तकनीकि सलाहकार कमेटी ने एचपीवी टीकाकरण की शुरूआत की सिफारिश की थी। इसके बाद मार्च 2023 में राज्यसभा में बताया गया कि सार्वभौमिक टीकाकरण में 9 से 14 वर्ष की किशोर लडकियों के लिए एक बार और उसके बाद नौ साल की उम्र में नियमित टीके की सिफारिश की गई है। अब इसी को पूरी दुनिया में लागू किया जाएगा। हालांकि 26 से 45 साल की महिलाएं भी वैक्सीन लगवा सकती हैं।
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