स्वस्थ्य शिशु का गर्भपात, मर्डर करने जैसा
| 7/19/2018 10:47:22 AM

Editor :- Mini

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि यदि गर्भस्थ शिशु स्वस्थ है प्रेगनेंसी 25 हफ्ते या इससे अधिक समय की है तो मां को भी यह अधिकार नहीं कि वह गर्भपात करा सके, ऐसा करने पर नवजात को गिराने पर यह अपराध मर्डर करने जैसा माना जाएगा। 20 साल की एक युवती ने इस संदर्भ में कोर्ट में याचिका दी थी कि उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है और वह बच्चे को जन्म नहीं देना चाहती।
कोर्ट ने कहा कि पीएनडीटी एक्ट में दिए गए प्रावधान के तहत 20 हफ्ते के गर्भ को केवल उसी स्थिति में गर्भपात कराया जा सकता है कि जबकि कि गर्भवती महिला की मानसिक और शारीरिक स्थिति ठीक न हों, महिला का पक्ष लेते हुए बचाव पक्ष ने कहा कि महिला एपिलेप्सी की मरीज है और नवजात की देखभाल करने में अक्षम है। सुप्रीम कोर्ट ने महिला की मानसिक हालात संबंधी सभी दस्तावेज के आधार पर महिला को स्वस्थ बताया और कि वह इनती सक्षम है कि नवजात की परवरिश कर सकती है, गर्भस्थ शिशु पूरी तरह स्वस्थ था, इस स्थिति में बच्चे का गर्भपात कराना उसका मर्डर करने जैसा है। जिसमें मां को भी दोषी ठहराया जा सकता है। मालूम हो कि महिला का पति से तलाक होने वाला है उसने पति पर घरेलू हिंसा का केस लगा रखा है।


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