पांच में से एक लड़की मासिक धर्म शुरू होने के बाद स्कूल नहीं जा पाती
| 12/18/2018 11:35:19 AM

Editor :- Mini

पुणे
पुणे के केन्द्रीय विद्यालय के परिसर में बड़ी संख्या में लड़कियां, लड़के महिला और पुरूष मासिक धर्म और स्वच्छता के बारे जागरुकता बढ़ाने के लिए एकजुट हुए। मदरहुड अस्पताल और स्फेरूल फाउंडेशन की मदद से आयोजित किए गए इस अभियान के जरिए गिनीज बुक्स ऑफ वल्र्ड रिकार्ड बनाने की कोशिश की गई। स्फेलर फाउंडेशन लंबे समय से महिला, बाल कल्याण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता संबंधी मुद्दों पर लंबे समय से काम कर रहा है। मासिक धर्म और स्वच्छता के लिए केन्द्रीय विद्यालय के परिसर में एक साथ 1700 बच्चे एकजुट हुए, अस्पताल इसे मासिक धर्म जागरूकता की अब तक की सबसे बड़ी भीड़ मान रही है।
मदरहुड अस्पताल की महिला एवं प्रसूति विभाग की प्रमुख डॉ. राजेश्वरी पंवार ने कहा कि लगभग 35 करोड़ पचास लाख लड़कियों में 18 प्रतिशत लड़कियां सैनेटरी नैपकीन इस्तेमाल कर पाती हैं, जबकि बाकी 82 प्रतिशत लड़कियां आज भी मासिक धर्म के लिए परंपरागत तरीकों को ही अपनाती हैं। गंदे कपड़े, रूई और ऐसे ही अस्वच्छ अन्य विकल्प से उनकी गुप्तांगों मे संक्रमण और प्रजनन संबंधी कई तरह की परेशानियां भी हो जाती हैं।
स्फेरूल फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. गीता बोरा ने बताया कि मासिक धर्म को लेकर खुलकर बात नहीं होती है, इस संदर्भ में ग्लोबल साइलेंस के नतीजे बेहद गंभीर हो सकते हैं, मासिक धर्म से जुड़े मिथक की वजह से हर साल भारत में 23 मिलियन लड़कियां स्कूल जाना छोड़ देती हैं, हर पांच में से एक लड़की मासिक धर्म शुरू होने के बाद स्कूल नहीं जा पाती। लड़कियां को मासिक धर्म शुरू होने के समय न तो जरूरी जानकारी मिलती है और न ही सैनेटरी नैपकीन। मदरहुड अस्पताल स्फेरीरूल फाउंडेशन की मदद से लड़कियों को जागरुक करने का अभियान शुरू किया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए डॉ. राजेश्वरी पंवार ने बताया कि 80 प्रतिशत महिलाएं मासिक धर्म के समय इस्तेमाल किए जाने वाले अपने कपड़े और अंडरगारमेंट छुपा कर रखती है, सामाजिक लोकलाज की वजह से वह अपनी परेशानी को किसी के साथ साक्षा भी नहीं करती हैं। पचास प्रतिशत महिलाएं ऐसी है जो गंदे कपड़ों को धूप में नहीं सुखा पाती जिसकी वजह से उनमें बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो बाद में जनांगों में संक्रमण बढ़ाता है।


Browse By Tags



Videos
Related News

Copyright © 2016 Sehat 365. All rights reserved          /         No of Visitors:- 562340