कैंसर से बचना है तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना होगा, और इम्यूनिटी (रोगप्रतिरोधक क्षमता) को बढ़ाने के लिए एलोपैथी की जगह आयुर्वेद को अधिक बेहतर माना जाता है। आयुर्वेद में किए गए शोध के आधार पर कई प्राकृतिक चीजों को कैंसर से बचाव के लिए बेहतर तरीका बताया गया है। इसी क्रम में अदरक को बच्चेदानी और आमाशय कैंसर से बचाव के लिए सही पाया गया है। हाल ही में मिसिगन विश्वविद्यालय में हुए अध्ययन में भी इस बात की पुष्टि हुई है।
इंटीग्रेटेड मेडिकल साइंस के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. आरपी पराशर ने बताया कि अदरक पाउडर की नियमित मात्रा एंटी इंफ्लेमेटरी या नसों में संकुचन की समस्या को दूर करती है। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट रोगों से लड़ने की क्षमता को मजबूत कर रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। अदरक के पौषिक तत्वों की पुष्टि के लिए राष्ट्रीय आहार संस्थान में भी अध्ययन किया गया। नियमित दो ग्राम अदरक का सेवन विटामिन सी, पोटेशियम कॉपर की मात्रा को नियंत्रित करता है। डॉ. पाराशर कहते हैं कि अदरक के साथ ही गेहूं के ज्वारे, तुलसी और लहसून को भी फायदेमंद बताया गया है। कच्चे गेहूं की ज्वारे के जूस को इम्यूनिटी बढ़ाने का सबसे कारगर उपाया बताया गया है। मालूम हो कि अदरक के चिकित्सीय महत्व पर भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के राष्ट्रीय आहार संस्थान (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशियन) में वर्ष 2003 में इस बावत अध्ययन किया।
कितनी फायदेमंद अदरक
नमी- 80.9 प्रतिशत
प्रोटीन- 2.3 प्रतिशत
वसा- 0.9 प्रतिशत
मिनिरल- 1.2 प्रतिशत
फाइबर-2.4 प्रतिशत
कार्बोहाइड्रेड- 12.3 प्रतिशत
विटामिन-थायमेन, राइबोफ्लेविन, वी-सी
नोट- 100 ग्राम प्रति अदरक में मौजूद