नई दिल्ली
आईएलबीएस के छठवें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने कहा कि शहरी क्षेत्र के लोगों इंस्टेंट यानि तैयार फूड का चलन बढ़ रहा है, जो बीमारियों को दावत देता है, लिवर रोगों के लिए आईएलबीएस द्वारा किए गए कार्यो की सराहना करते हुए उन्होंने देश में ऐसे और संस्थान खोलने की बात कहीं।
आईएलबीएस के छठें दीक्षांत समारोह में लिवर साइंस के 58 चिकित्सक और 11 नर्सो को पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री और सर्टिफिकेट दिए गए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि लिवर की बीमारियों से बचने के लिए शहरी युवाओं को अपनी डायट पर विशेष ध्यान रखना होगा, डिब्बाबंद और तैयार फूड में कई तरह के प्रीजरवेटिव या कैमिकल का प्रयोग किया गया जो लिवर के लिए हानिकारक होते हैं। मौके पर मौजूद दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा कि लिवर को स्वस्थ रखने के लिए युवाओं को वसा और चीनी का सेवन कम करना चाहिए। आईएलबीएस के प्रमुख डॉ. एसके सरीन ने कहा कि लिवर को संस्कृत में यकृत कहते हैं जो अमृत शब्द से मिलता जुलता है, लिवर कभी नहीं मरता क्योंकि इसमें डिजेनेरिटिव सेल्स होती हैं जो लिवर को जीवित रखती हैं, उन्होंने कहा कि देश को हर साल दो लाख लिवर प्रत्यारोपण की जरूरत है, जिसके एवज में अभी केवल तीन हजार लिवर प्रत्यारोपित किए जाते हैं।