एम्स ने अपने पश्चिम परिसर में स्टाफ के लिए आवासीय परिसर विकसित करने के लिए एनबीसीसी लिमेटिड से हाथ मिलाया है

एम्स ने अपने पश्चिम परिसर में स्टाफ के लिए आवासीय परिसर विकसित करने के लिए एनबीसीसी लिमेटिड से हाथ मिलाया है। वहीं रेजिडेंटस डॉक्टर संस्थान की 10 प्रतिशत जमीन व्यवसायिक इस्तेमाल करने के लिए बेचने का विरोध कर रहे हैं। सहमति पत्र पर हस्ताक्षकर ऐतिहासिक क्षण करार देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नडडा ने कहा कि पिछले दो सालों में एम्स के विकास के कई प्रस्तावों को हकीकत में तब्दील किया गया है।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वैंकेया नायडू ने कहा कि परियोजना एम्स का चेहरा बदल देगी।
उन्होंने उनके संबोधन के दौरान प्रदर्शन को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, मैं मुददे पर बहस को तैयार हूं। यहां काम करने वाले सभी प्रोफेसर, शिक्षक और स्टॉफ बेहतर आवास और सुविधाएं चाहते हैं। उन्हें नोएडा या गाजियाबाद ले जाना और उनसे कहना कि सफर करके आएं इससे मदद नहीं मिलने वाली है क्योंकि अपने शोध कार्य पर फोकस करने और ध्यान केंद्रीत करने की जरूरत है।
नायडू ने कहा, यह मुददा अरसे से लंबित था क्योंकि हम निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके क्योंकि घर बनाने के लिए हमें धन की जरूरत है और सरकार के स्रोत सीमित हैं। हम एनबीसीसी को जमीन दे रहे हैं ताकि वे उसका पुनर्विकास कर सकें और आधुनिक घरों का निमार्ण और बेहतर विकास कर सकें। किसी विध्वंसक मकसद के लिए नहीं। मैं समक्ष नहीं पा रहा हूं क्यों कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। आखिरकार एनबीसीसी सरकार का ही अंग है। सहमति पत्र :एमओयू: के मुताबिक, एनबीसीसी देश के प्रमुख संस्थान के स्टाफ के लिए पश्चिम परिसर के अंसारी नगर में 65 एकड़ से ज्यादा जमीन पर 3928 फ्लैट बनाएगी जिसपर अनुमानित 4,441 करोड़ रूपये का खर्च आएगा।
एनबीसीसी अंतिम परियोजना लागत का 10 प्रतिशत लेती है जो परियोजना प्रबंधन परामर्श शुल्क के तौर पर होता है और निर्मित क्षेत्र की बिक्री़़़पटटे पर देने से प्राप्त कुल धन पर विपणन व्यय के लिए एक प्रतिशत लेती है।
इस बीच, रेजिडेंट डॉक्टर असोसिएशन :आरडीए: की सुरक्षा गॉडोर्ं से तब थोड़ी हाथापाई हो गई जब उन्होंने जबरन सभागार में प्रवेश करने की कोशिश की जहां एमओयू पर हस्ताक्षर हो रहे थे।
एम्स आरडीए के अध्यक्ष डॉ विजय गुर्जर ने कहा कि हम एमओयू पर दस्तख्त होने से पहले अपने तीन प्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपने के लिए भेजना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने इसकी हमें इजाजत नहीं दी। हम शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन सुरक्षा गाडोर्ं ने हमें लॉबी से हटाने की कोशिश की जिस वजह से रेजिडेंट डॉक्टरों और सुरक्षा गाडोर्ं के बीच थोड़ी हाथापाई हो गई।

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