
मोनिका, नई दिल्ली
बदलते दौर के साथ बांझपन यानि इनफर्टिलिटी की समस्या बढ़ती जा रही है। पिछले दिनों हुई स्टडी में दिल्ली एनसीआर की 44.3 पर्सेंट महिलाएं इनफर्टिलिटी की शिकार पाई गई थीं। इस स्टडी में कुल 3193 महिलाओं को फर्टिलिटी रेट लो और एक्सट्रीम लो पाया गया और चौंकाने वाली बात यह है कि अब 21 से 25 साल की महिलाओं में 22 पर्सेंट का एक्सट्रीम लो और लो पाया गया। वहीं 35 से 40 साल की 1302 में से केवल आठ महिलाओं में ही फर्टिलिटी का रेट हाई पाया गया।
दिल्ली एनसीआर की 7194 महिलाओं की स्टडी की गई थी। इनकी उम्र 21 से 40 साल के बीच थी। इसमें से सभी के एंटी म्यूलेरियन हार्मोन (एएमएच) की जांच की गई। इस जांच में यह पता चला कि इसके कितने फॉलिकल बचे हुए हैं। इस फॉलिकल की संख्या से यह पता चलता है कि प्रेग्नेंसी की संभावना कितनी है। इस स्टडी में 30 से 35 साल की 55 पर्सेंट महिलाओं में सबसे ज्यादा इनफर्टिलिटी की संभावना पाई गई और 25 से 30 के बीच की 30 पर्सेंट महिलाओं में एएमएच लो और काफी लो पाया गया।
मेट्रोपोलिस की अगुवाई में यह स्टडी की गई है। मेट्रोपोलिस की डॉक्टर गीता चोपड़ा का कहना है कि आजकल महिलाएं पहले तो शादी देर से करती हैं और फिर शादी के तीन से पांच साल बाद ही प्रेग्नेंसी का प्लान करती हैं। लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता है कि इस उम्र की वजह से उनकी प्रेग्नेंसी की संभावना कम होती जा रही है। एएमएच एक ऐसा मार्कर है जो यह बताता है कि आपकी फरटाइल लाइफ कैसी है और आगे क्या संभावना है।
इस बारे में नोवा स्पेशलिटी हॉस्पिटल की डॉक्टर शीतल अग्रवाल का कहना है कि उम्र बढ़ने के साथ साथ प्रेग्नेंसी की संभावना कम होने लगती है। लेकिन मेट्रो शहरों में कम उम्र की महिलाओं में यह अब बहुत ज्यादा लेवल पर पाया जा रहा है। इसकी तीन वजहें हैं। स्ट्रेस, शराब और स्मोकिंग। आजकल इन कम उम्र की महिलाओं इनफर्टिलिटी की मुख्य वजह यही है। लाइफ स्टाइल की इस आदत को कम करना होगा, क्योंकि अगर इस उम्र में एएमएच लेवल कम होने लगा है तो इसका मतलब है कि आने वाले समय में उन्हें और दिक्कत हो सकती हैं। ऐसी महिलाएं जल्द से जल्द शादी करें और बच्चे का भी प्लान करें, नहीं तो उन्हें और दिक्कत हो सकती है।