नई दिल्ली,
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस वर्ष एक अगस्त तक डेंगू के 30 से अधिक मामले सामने आए हैं। हालांकि नगर निकायों ने वेक्टर जनित इस बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए अलग फीवर क्लीनिक स्थापित किए हैं। यह जानकारी प्राधिकारियों ने बृहस्पतिवार को दी। इसके अलावा, निगमों ने जागरूकता अभियान भी चलाए हैं क्योंकि डेंगू का मौसम ऐसे समय आया है जब शहर मार्च के बाद से कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित है। पूरे शहर के लिए वेक्टर जनित बीमारियों के आंकड़ों को सारणीबद्ध करने की नोडल एजेंसी दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में एक अगस्त तक डेंगू के 31 मामले सामने आये हैं। उसने कहा कि इसी अवधि के दौरान मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले क्रमश: 45 और 18 हैं। एसडीएमसी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार 2019 में, एक अगस्त तक डेंगू के मामलों की संख्या 40 थी जबकि उस पूरे वर्ष वेक्टर-जनित बीमारी के मामलों की कुल संख्या 2,036 थी, वहीं आधिकारिक जानकारी के अनुसार दो मौतें हुई थीं। मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया तीनों रोगों में तेज बुखार होता है और यह कोविड-19 का एक सामान्य लक्षण है। इसलिए, डॉक्टरों का कहना है, इन रोगों से पीड़ित लोगों को संदेह हो सकता है कि वे कोविड-19 से संक्रमित हैं। । उत्तरी दिल्ली के मेयर जय प्रकाश ने कहा कि एनडीएमसी के छह क्षेत्रों में संचालित पॉलीक्लिनिक्स में डेंगू बुखार क्लीनिक स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि डेंगू से प्रभावित लोगों को बुखार होता है, लेकिन कोविड-19 में अन्य लक्षण भी होते हैं, जैसे कि सांस लेने में दिक्कत, गंध और स्वाद नहीं आना। इसलिए, हम जागरूकता बढ़ा रहे हैं और लोगों को कह रहे हैं कि सामान्य बुखार होने पर पॉलीक्लिनिक जाएं और अन्य लक्षण होने पर हमारे कोविड-19 जांच केंद्रों पर जाएं। उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित हिंदू राव अस्पताल को समर्पित कोविड-19 इकाई और जांच केन्द्र बनाया गया है।