नई दिल्ली,
करीब एक महीने पहले दिल्ली के एक पिता और उनके बेटे को एक साथ कोरोना हुआ, और दोनों अच्छी तरह ठीक होकर घर भी चले गए। लेकिन उन्हें बाकी कोरोना मरीजों के प्रति अपना फर्ज याद रहा, यही वजह रही कि पिता पुत्र एम्स ब्लड बैंक पहुंचे और स्वेच्छा से बेटे ने बैंक में प्लाज्मा डोनेट किया, जबकि पिता अपना रक्तदान कर सही मायने में कोरोना योद्धा बन गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली निवासी लोकेश पटवाल जोकि एक टेक्निकल ऑफिसर हैं करीब एक महीने पहले कोरोना पॉजिटिव पाए गए, उनके साथ ही उनके 18 वर्षीय बेटे धु्रव की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव देखी गई। पिता पुत्र ने न सिर्फ कोरोना को मात दी, बल्कि उसके बाद भी सच्चे कोरोना योद्धा होने की मिसाल कायम की। लोकेश पटवाल और उनके पुत्र धु्रव पटवाल सोमवार को एम्स ब्लड बैंक पहुंचे, जहां पुत्र प्लाज्मा डोनेट किया, जबकि 47 वर्षीय पिता लोकेश पटवाल ने खून दान किया। एम्स आरडीए प्रमुख डॉ. अमरिंदर सिंह मल्ही ने बताया कि संभवत: धु्रव अब तक सबसे पहला कम उम्र का प्लाज्मा दान करने वाला युवक है क्योंकि 18 साल की उम्र से ही व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। पिता पुत्र की इस जोड़ी को एम्स ने कोविड सुपरहीरो घोषित किया है।