नई दिल्ली: कोरोना महामारी से देश को बचाने के लिए चिकित्सक दिन रात अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं, वहीं कुछ नासमझ लोग चिकित्सकों पर ही हमला कर रहे हैं। देश के इन सफेद कोट जवानों पर हमले की एक शर्मनाक घटना तेलंगाना के गांधी अस्पताल में सामने आई है। जहां कोरोना पॉजिटिव एक मरीज की मृत्यु हो जाने पर परिजनों ने मरीज की मौत का आरोप चिकित्सक पर लगाया और हाथापाई शुरू कर दी। जिन मरीज की कोरोना की वजह से मौत हुई है, उसके परिवार के तीन अन्य सदस्यों का भी अस्पताल के ही आईसोलेशन वार्ड में इलाज किया जा रहा था।
तेलंगाना की इस घटना का असर दिल्ली तक पहुंच गया, फैकल्टी सहित रेजिडेंट चिकित्सकों ने हादसे की भत्र्सना करते हुए परिजनों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है। एम्स के रेजिडेंट डॉ. अमरिंदर सिंह के पीएम को लिखे एक पत्र में कहा है कि देश इस समय महामारी के दौर से गुजर रहा है, चिकित्सक दिन रात एक एक जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में चिकित्सकों पर हमला दुखद है, इससे चिकित्सकों का मनोबल टूट सकता है। डॉ. अमरिंदर सिंह ने कहा कि यदि उचित समय पर हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो तेलंगाना सहित अन्य राज्यों के चिकित्सक सेवा से बायकाट कर सकते हैं।
मालूम हो कि 49 वर्षीय युवक को तेलंगाना के गांधी अस्पताल में एक हफ्ते पहले भर्ती कराया गया था, उसे कोरोना के साथ ही अन्य बीमारियां भी थी। बुधवार सुबह मरीज की मौत हो गई, जिसपर परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए ड्यूटी पर उपस्थित जूनियर चिकित्सक पर हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि मृतक के अन्य तीन सदस्य भी कोरोना पॉजिटिव हैं, सभी का इलाज गांधी अस्पताल में ही किया जा रहा है। तेलंगाना ज्वाइंट यूनियन ऑफ रेजिडेंट एसोसिएशन ने हमले के बाद चार सूत्रीय मांग सीएम को भेजी है। जिसमें अस्पताल के बाहर सुरक्षा के लिए टास्क फोर्स तैनात करने, हमलावरों पर अधिनियम 11, 2008 के तहत मुकदमा दर्ज करने और मेडिकल पैरा मेडिकल स्टॉफ को प्रचूर मात्रा में पर्सनल प्रोटेक्शन इक्वीपमेंट देने की मांग की गई है। एसोसिएशन ने राज्य सरकार से चिकित्सकों की सुरक्षा का भी आश्वासन मांगा है।