गर्भ धारण की क्षमता बढ़ाने वाली एक अनोखी सर्जरी कर नयी दिल्ली के सनराइज हास्पीटल के लैपरोस्कोपिक सर्जन डा. निकिता त्रेहन ने आज एक संतानहीन महिला में उम्मीद की नई आशा जगाई है। डा. निकिता त्रेहन आज से KGMU में शुरू हो रही तीन दिवसीय फेडरेषन आफ आब्स्टेट्रिक एंड गायनेकोलाॅजिकल सोसायटीज आफ इंडिया के उत्तरी सखा युवा सम्मेलन – युवा फौगसी 2017 के पहेले दिन यह सर्जरी को अंजाम दिया है। देश में करीब 25-30 फीसदी एसे दम्पति हैं जो गर्भ धारण करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन ऐसा करने में असमर्थ हैं।
डा. निकिता त्रेहन ने कहा, ”हमारे देष में गर्भ धारण की क्षमता को बढ़ाने वाली सर्जरी के बारे में लोगों में कम जागरूकता होने के कारण ये दम्पति जल्द ही आईवीएफ (टेस्ट ट्यूब बेबी) कराने का निर्णय ले लेते हैं। जीन महिलओं में ट्यूबल ब्लाक, इंडोमेट्रियोसिस, फाइब्रॉएड व पीसीओडी का समस्या पाई जाती है, उनमे लैपरोस्कोपिक प्रक्रिया से गर्भ धारण की क्षमता बढ़ाने वाली सर्जरी किया जा रहा है।“
गर्भ धारण की क्षमता बढ़ाने वाली सर्जरी के लाभ यह हैं कि इस सर्जरी से प्रजनन अंगों में बुनियादी असामान्यता को ठीक कर दिया जाता है ताकि महिला किसी भी मदद के बिना स्वाभाविक रूप से गर्भ धारण कर सके। आईवीएफ न केवल अधिक महंगा है और दम्पतियों के लिए तनावपूर्ण है, बल्कि प्रत्येक गर्भावस्था के लिए इसे करने की जरूरत पड़ती है इसलिए जब प्रजनन क्षमता बढ़ाने सर्जरी से भी कोई फायदा न हो तो आईवीएफ केवल एक अंतिम उपाय के रूप में किया जाना चाहिए।
बच्चे के नहीं होने का दर्द केवल एक औरत ही समझ सकती है। हमारे समाज में जिस महिला को बच्चा नहीं होता है उसे अषुभ माना जाता है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से मरीज को कई तरह के लाभ होते हैं जैसे केवल 1 दिन अस्पताल में भर्ती, 2-3 दिन में रोज़ मार्जा काम पर लोटना, रक्त का बहुत कम नुकसान होता है जिससे रक्त चढ़ाने की जरूरत नहीं होती व बहुत कम या बिल्कुल दर्द न होना।