“दवा” लिखने पर डॉक्टर को मिलता है 40 प्रतिशत कमिशन

नई दिल्ली: अस्पताल में दवा नहीं है का बहाना बनाकर डॉक्टर मरीजों के जरिए बड़ा मुनाफा कमा रहे हैं। पंजाब पुलिस की एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। तीन महीने की पड़ताल के नतीजे के अनुसार दवाओं की एमआरपी का 40 प्रतिशत हिस्सा चिकित्सकों की जेब मे जाता है। फार्मा कंपनियां अपनी कंपनी की दवा लिखने के लिए चिकित्सकों को प्रलोभन भी देती है। हालांकि सरकारी अस्पताल की दवाओं की अपेक्षा बाहर की दवाएं 80 प्रतिशत महंगी होती है।
पंजाब पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार सरकारी अस्पताल से मिली एक शिकायत के बाद पंजाब पुलिस से स्पेशल इंवेटिगेशन की, जिसमें पता चला कि अस्पताल में दवा जानबूझ कर मंगाई नहीं जाती, जिसकी जगह बाहर की निजी फार्मा कंपनियों की दवाएं लिखी जाती है। हालांकि जांच के संदर्भ में भी चिकित्सक और कंपनियों की सांठगांठ का पता चला है। अहम यह है कि निजी कंपनियों का यह मुनाफा मरीजों की जेब पर भारी पड़ता है, जिससे उनका इलाज पर होने वाला कुल खर्च 40 से 60 फीसद बढ़ जाता है। पंजाब के संगनूर, भठिंडा, फतेहगढ़ साहिब, बरनाला में चिकित्सकों का यह कमिशन 60 प्रतिशत तक भी देखा गया। जांच के दौरान पाया गया कि एमआर और चिकित्सक की सांठगांठ से एमआर चिकित्सक को बकायदा दवा दुकान का नाम लिखकर मरीजों को वहां से दवा लेने की बात कहते हैं। हालांकि इस बावत पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने किसी भी तरह की जानकारी होने से इंकार किया है।

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