नई दिल्ली,
दिल्ली सरकार ने दिल्ली ऐपिडेमिक डिसीज एक्ट 1987 में दिए गए नियमों का पालन करते हुए दिल्ली में हुक्का सेवन को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है। इसमें तंबाकू सहित, तंबाकू रहित, हर्बल हुक्का, वॉटर पाइप और अन्य किसी भी तरह से हुक्का सेवन की अनुमति नहीं होगी। किसी भी सार्वजनिक जगह, होटल, रेस्ट्रा या बार में हुक्का प्रयोग करते हुए पाए जाने पर संचालक और उपभोगता दोनों पर एक्ट में दिए गए प्रावधानों के तहत कार्रवाई होगी।
सोमवार का दिल्ली सचिवालय सेके्रटरी हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना को महामारी घोषित किए जाने के बाद सरकार निरंतर कोरोना को बढ़ावा देने वाले माध्यमों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कटिबद्ध है। जैसा कि अब तक किए गए कई शोध में पाया गया कि सिगरेट या तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन करने वालें लोगों में कोरोना का संक्रमण सेवन न करने वाले लोगों की अपेक्षाकृत अधिक पाया जाता है। सिगरेट पीते हुए सिगरेट को हाथ से पकड़ते हुए होठों तक लगाने का सीधा मतलब है हाथ या सिगरेट पर बैठे वायरस को मुंह तक पहुंचाना, जिससे संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ सकता है। दूसरी अहम यह है कि सिगरेट का सेवन फेफड़ों को कमजोर करता है, कोरोना संक्रमण क्योंकि श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है, जबकि सिगरेट सेवन करने वालों के फेफड़े सिगरेट न पीने वालों के एवज में अधिक कमजोर पाए जाते हैं जो संक्रमण का खतरा बढ़ाता है। हुक्का बार या वाटर पाइप को एक साथ कई लोगों द्वारा प्रयोग किया जाता है, जिससे संक्रमण बढ़ने का खतरा बना रहता है। सिगरेट का सेवन करने से फेफड़े कमजोर होते हैं, जो निमोनिया को बढ़ाता है, निमोनिया के मरीजों में वायरस आसानी से हमला कर सकता है।