दिल्ली सरकार ने अपने अधिकारियों से कहा है कि वे कोरोना वायरस से ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में घर घर जाकर सर्वेक्षण करने के लिए नए ‘असेस कोरो ना’ ऐप का उपयोग करें। इससे एकत्र होने वाले आंकड़ों का जल्दी विश्लेषण करने में मदद मिलेगी। अधिकारियों का कहना है कि किसी व्यक्ति से जुड़े आंकड़े भौतिक रूप में एकत्र करने और उनके विश्लेषण में देरी एक बड़ी चुनौती है। इस ऐप की मदद से, एकत्र किए गए आंकड़ों को तत्काल सर्वर पर अपलोड किया जा सकता है और तुरंत विश्लेषण किया जा सकता है। इससे नियंत्रण केंद्रों को संबंधित क्षेत्र में एम्बुलेंस और अन्य चिकित्सा उपकरणों तथा कर्मियों की जरूरत पर त्वरित निर्णय लेने में मदद मिलेगी। जल्दी फैसला होने से कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। सूत्रों ने कहा कि जैसे ही सर्वाधिक प्रभावित इलाके (हॉटस्पॉट) की पहचान होती है और उस संबंध में निरूद्ध आदेश जारी किया जाता है, उनके सामने प्रमुख चुनौती घर-घर सर्वेक्षण के दौरान भौतिक रूप में आंकड़े एकत्र करने की होती है। बृहस्पतिवार तक राष्ट्रीय राजधानी में 60 ऐसे क्षेत्रों को अधिसूचित किया गया था। एक सूत्र ने बताया कि मुख्य सचिव विजय देव ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों से कहा है कि वे इस ऐप का इस्तेमाल सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र में मूल्यांकन के लिए करें। ऐप-आधारित मूल्यांकन का पहला चरण दक्षिण दिल्ली में शुरू होगा। सूत्रों ने बताया कि प्रक्रिया के दौरान सर्वेक्षणकर्ता लोगों से उनकी हालिया यात्रा और संपर्क में आए लोगों के बारे में सवाल करेंगे। इसके अलावा फ्लू जैसे लक्षण और सांस की तकलीफ के बारे में भी सवाल पूछेंगे। उन्होंने बताया कि प्राप्त आंकड़ों को सर्वर पर अपलोड किया जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार शाम तक कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 1,640 हो गए। दिल्ली सरकार जल्द ही घरों में पृथक रह रहे लोगों को एक मोबाइल ऐप के जरिए अपनी सेल्फी भेजने को कहेगी। सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे घरों में पृथक रह रहे लोगों को विशिष्ट ऐप डाउनलोड करने के लिए कहें। एक अधिकारी ने कहा कि देखा गया कि कुछ लोग घरों में पृथकवास नियमों का ठीक से पालन नहीं कर रहे हैं।
भाषा