नई दिल्ली: नोटबंदी के फैसले के बाद से 79 वर्षीय सेवानिवृत अधिकारी वीके मेहरा (बदला हुआ नाम) कई दिन से बेचैन थे, इसी बीच सोमवार जब वह पुराने नोट की जगह नये नोट को बदलवाने के लिए बैंक पहुंचे तो कर्मचारियों से झगड़ा हो गया। बात बढ़ने पर परिजनों को बुलाया गया। उच्च रक्तचाप के शिकार मेहरा के बढ़े हुए बीपी और तनाव को कम करने के लिए एम्स की ओपीडी में लाया गया, जहां फिलहाल पांच दिन से उनकी काउंसिलिंग की जा रही है।
एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के डॉ. नंद कुमार ने बताया कि नोटबंदी के फैसले का असर कई तरह से लोगों की सेहत पर नजर आ रहा है। केवल लाइन में लगकर समय देने वाले लोगों के अलावा कुछ लोगों के लिए अपनी परेशान दिखाना भी मुश्किल हो गया है। एम्स की ओपीडी में बीते एक हफ्ते में ऐसे 50 से 60 लोग पहुंचे हैं, जिनका रक्तचाप या तो अचानक बढ़ गया या फिर कम हो गया है। ऐसे लोगों को रक्तचाप नियंत्रित करने की दवा के साथ तनाव प्रबंधन के गुर भी सिखाए जा रहे हैं, जिससे वह बदले हुए आर्थिक हालात में भी सामान्य रह सके। ऐसे में कुछ लोग मेडिटेशन और ध्यान का भी सहारा ले रहे हैं।
ग्रीन पार्क में हीलिंग सेंटर चलाने वाले अमरजीत सिंह ने बताया कि 45 साल की उम्र पार के लोग भी इस समय ध्यान को अपना रहे है। मेडिटेशन के जरिए दिमाग में आने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है, जिससे दिल और दिमाग दोनों सुरक्षित रहें।