नई दिल्ली: प्रदूषण जानलेवा स्तर तक पहुंच गया है। लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। स्कूल बंद हैं, डॉक्टर लोगों को घरों से बाहर नहीं जाने की सलाह दे रहे हैं, सच में मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति बन गई है। ऐसे में देश के जाने माने लंग्स स्पेशलिस्ट और एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि हमें लंदन से सीखने की जरूरत है। लंदन में भी कभी ऐसा ही हाल था, लेकिन वहां की सरकार और लोगों ने इसके खिलाफ अपनी सोच बदली और सरकार ने ऐसी पॉलिसी बनाई की कि आज वो इससे फ्री है। इसलिए हमारी सरकार और पॉलिसी मेकर को लंदन से सबक लेना चाहिए।
डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि1995 में लंदन में स्मॉग और प्रदूषण की वजह से 4000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। वहां पर बड़े बदलाव किए गए। ऐसा नहीं है कि वहां पर गाड़ियां बंद कर दी गई या रेगूलर ऑड ईवन शुरू कर दिया गया। अच्छे तरीके अपनाने की जरूरत है और हमें भी इस बारे में सोचना चाहिए। आप हर बार ऑड ईवन लाकर या गाड़ी बंद कर प्रदूषण का पर्मानेंट इलाज नहीं कर सकते। लोगों को पर्यावरण फ्रेंडली बनाने की जरूरत है। साइकल ट्रैक बनाया जाए, फ्यूल की क्वालिटी बेहतर की जाए, क्वालिटी के वाहन को ही यूज किया जाए, रोड डस्ट को कंट्रोल किया जाए और साथ साथ में फसल जलाने को रोकने पर भी काम करने की जरूरत है। इसके लिए पॉलिसी मेकर को सोचना होगा, ताकि कोई प्रैक्टिल सॉल्यूशन निकाला जा सके।