वेरिकोस वेन या फिर नसों में खून का थक्का जमने पर अब कही अधिक बेहतर ढंग से इलाज किया जा सकेगा, फोर्टिस के मोहाली अस्पताल ने इस बावत मोका तकनीक से इलाज करना शुरू किया है, मैकेनिकल केमिकल अबलेशन ऑफ़ द वेरिकोस वेन तकनीक की मदद से एक विशेष तरह के कैथेटर के जरिये नसों की रुकावट को दूर किया जाता है. मालूम हो की अब तक कलर डॉप्लर विधि के वेरिकोस वेन का इलाज किया जाता था.
फोर्टिस मोहाली अस्पताल के वैस्कुलर सर्जरी विभाग के डॉक्टर रावल जिंदल ने बताया कि नई तकनीक से हालांकि शरीर कि किसी भी भाग की नसों में खून की रुकावट को दूर किया जा सकता है. लेकिन पैरो की सुक्षम नसों के लिए इस विधि को अधिक कारगर मन गया है, मोका में फ्लीबोगरीफ तकनीक कि जरिये कैथेटर को रूकावट की जगह पहुंचाया जाता है. जिसे एक तरह से नए इंडोवैस्कुलर तकनीक भी कहा जा सकता है. वैस्कुलर वेन कि पारम्परिक इलाज में मरीज को अस्पताल में भर्ती करने कि साथ ही एनेस्थिया दिया जाता है, मोका से बीस मिनट में मरीज कि एक पैर का इलाज का उसे दो घंटे में घर भेजा जा सकता है, यह पूरी तरह दर्द रहित इलाज है. इलाज के बाद मरीज को बेहद कम दवाओं की भी जरुरत नहीं होती है, मालूम हो की वेरिकोस वेन दिल की धमनियों में खून का थक्का जमने जैसे बीमारी है, जिसमे शरीर के अन्य भाग में खून का संचार करने वाली धमनियो में थक्का जैम जा है, पैरो में थक्का जमने से पैर में सूजन, लालिमा. जलन और खुजली एहम लक्षण होते है, ऐसे मरीजों में अधिक देर तक बैठे रहने पर पैरो में नीलापन बढ़ जाता है, अधिकतकर अधिक वजन वाले मरीजों में वेरिकोस वेन का इलाज मुश्किल होता है, उनमे खून का प्रवाह करने वाली नसों को ढूँढना मुश्किल होता है