नई दिल्ली,
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को पूरे देश में जल जीवन मिशन योजना शुरुआत करने की बात कही थी। करीब दो साल बाद देश के हजारों गांवों में यह योजना जमीन पर उतर चुकी है। इसका लाभ सबसे अधिक महिलाओं को बच्चों को हो रहा है। जलशक्ति मंत्रालय के अवर सचिव और नेशनल जल जीवन मिशन के मिशन डायरेक्टर भरत लाल ने कहा कि हर गांव के हर घर में स्वच्छ पेयजल पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। इसके लिए तकनीक और जमीनी स्तर पर लोगों से पूरा सहयोग लिया जा रहा है।
पानी की गुणवत्ता बरकरार रहे, इसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। हर गांव में मिशन के तहत पांच महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो पूरे गांव में लोगों को शिक्षित करेंगी। जल की बर्बादी न हो, जल की गुणवत्ता बरकरार रहे, इसके लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत कनेक्शन दिया जाना एक स्टेप है। लेकिन इसके साथ इस पर भी नजर रहती है कि पानी ठीक से उस कनेक्शन के जरिए पहुंच रहा है या नहीं।
नेशनल जल जीवन मिशन के मिशन डायरेक्टर भरत लाल मीडिया को संबोधित कर रहे थे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि साल 2024 के अंत तक देश के हर गांव के घर में इस योजना से स्वच्छ पेयजल पहुंचा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विविधिता से भरे देश में कई चुनौतियां हैं। मैदानी इलाकों में काम करना अपेक्षाकृत आसान है। हिमालयी क्षेत्र और नक्सल प्रभावित राज्यों की अलग चुनौती है। बावजूद इसके बेहद खुशी है कि जल जीवन मिशन को लोगों का बेहतर सहयोग मिल रहा है। एक सवाल के जबाव में उन्होंने बताया कि इस मिशन में यूनिसेफ भी जागरूकता लाने का काम कर रहा है। महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष रूप से काम करने वाली यूनिसेफ के सहयोग से हम कई गांवों में बेहतर परिणाम ला सके हैं।
भरत लाल ने कहा कि इसके लिए समाज को शिक्षित करना जरूरी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि गुजरात के सौराष्ट्र में, कच्छ में 20 साल पहले तक टैंकर, ट्रेन से पानी भेजा जाता था। वहां मौजूद बांध, वाटर रिजर्व सिर्फ 24 फीसदी तक भर पाते थे, लेकिन फिर इस व्यवस्था को बदलकर मजबूत करने का काम हुआ। भरत लाल ने बताया कि वहां पहुंचने वाले बाढ़ के पानी को मैनेज करके वाटर रिजर्व में भेजा गया। पिछले दो सालों से ये रिजर्व ओवर फ्लो कर रहे हैं। अब वहां पानी की कमी नहीं होती। दूसरी चीज यह कि वहां रीचार्ज कैनाल बनाई गई हैं। इससे अंडरग्राउंड वाटर सोर्स रीचार्ज हो रहे हैं। ऐसे प्रयासों से गुजरात में पानी का वाटर लेवल धीरे-धीरे ऊपर आ रहा है। इसका मतलब सहभागिता के साथ लोगों को शामिल करके तकनीक के इस्तेमाल से कमियों को दूर किया जा सकता है।श्री लाल के मुताबिक इस अभियान को अगस्त 2019 में शुरू किया गया था, इसका मूल उद्देशय है हर घर और हर व्यक्ति तक साफ़ पानी पहुंचाना है।
मीडिया को संबोधित करते हुए यूनिसेफ इंडिया के निकोलस ऑस्बर्ट ने कहा कि भारत में चलाया जा रहा है जल जीवन मिशन कार्यक्रम पूरे विश्व का सबसे बड़ा जल वितरण कार्यक्रम है। हर गांव में जब यह पहुंच जाएगा तो इससे महिलाओं और बच्चों के जीवन में कई प्रकार की सहूलियत होगी।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ‘जल जीवन मिशन’ पर साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इस मिशन के तहत 2024 तक हर घर में पाइप के द्वारा पानी पहुंचाने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से आगे आने और जल संसाधनों के संरक्षण में योगदान देने का भी आग्रह किया।