गोरखपुर (उप्र), कोरोना वायरस महामारी चिकित्सा विज्ञान के साथ-साथ इंसानी रिश्तों की भी कड़ी परीक्षा ले रही है। गोरखपुर में एक महिला ने वायरस की जद में आने के डर से कोरोना वायरस संक्रमित पाई गई अपनी आठ साल की बच्ची के साथ अस्पताल में ठहरने से इंकार कर दिया।
गोरखपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी श्रीकांत तिवारी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि गोरखपुर के सूरजकुंड इलाके में शनिवार की शाम आठ साल की एक बच्ची कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई। उसकी मां ने खुद के संक्रमित होने के डर से अपनी बेटी के साथ अस्पताल में रहने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि आठ साल की बच्ची को बिना किसी तीमारदार के अस्पताल में रखना मुश्किल था लिहाजा एक महिला चिकित्सक की अगुवाई में एक काउंसलिंग टीम उस महिला के घर गई और उससे बातचीत की। तिवारी ने बताया कि टीम के सदस्यों ने उस महिला को कई उदाहरण दिए, जिनमें बस्ती और गोरखपुर के दो मामले प्रमुख रूप से शामिल थे। महिला को आश्वासन दिया गया कि हर चौथे दिन उसकी जांच की जाएगी और उसे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए जरूरी प्रशिक्षण भी दिया जाएगाा। उन्होंने बताया कि काउंसलिंग के बाद वह महिला अपनी बच्ची के साथ अस्पताल में ठहरने को राजी हो गई। बच्ची का रेलवे अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। (भाषा)