नई दिल्ली: अगर कोई व्यक्ति मुंह, गले या गर्दन के कैंसर से जूक्ष रहा है और कीमोथेरेपी और रेडिएशन से उपचार कराना नहीं चाहता तो उनके लिए भारत में भी रोबोटिक सर्जरी की सहायता से टयूमर निकालने की नई तकनीक मौजूद है और डॉक्टरों के मुताबिक यह अपेक्षाकत कम दर्द वाली है। इस तकनीक से मुंह गले या गर्दन के कैंसर से पीड़ित किसी व्यक्ति के मुंह को काटा नहीं जाता बल्कि रोबोट की सहायता से टयूमर को निकाला जाता है।
दरअसल, इस तकनीक में एक रोबोट और उसकी कई बाहें होती है जिसमें से एक पर कैमरा लगा होता है। इसके जरिए मुंह, गले और गर्दन के उस हिस्से तक पहुंचा जा सकता है जहां टयूमर है और वहां तक डॉक्टर के हाथ नहीं पहुंच पाते। रोबोट की सहायता से टयूमर को काटकर निकाल लिया जाता हैै तथा मरीज के मुंह एवं गर्दन में चीरा नहीं लगाया जाता है। इस तकनीक के माध्यम से फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीटयूट में 500 ऑपरेशन किए गए हैं और अस्पताल ने 57 लोगों पर एक अध्ययन भी किया है जो ढाई साल की अवधि में किया गया है। डॉक्टर का कहना है कि 57 में से 43 मरीज कैंसर से मुक्त हो गए।
अस्पताल में नेक एंड थ्रॉक्स सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ सुरेंद्र डबास ने आज यहां कहा कि यह तकनीक अपेक्षाकत आसान है। जहां कीमोथेरेपी और रेडिएशन में सात हफ्ते का वक्त लगता है वहीं इसमें रोगी को ठीक होने में सात दिन लगते हैं। उन्होंने कहा, इसमें रोबोट की बाहों के माध्यम से मुंह के अंदर उन हिस्सों में पहुंचा जाता है जहां डॉक्टर के हाथ नहीं पहुंच पाते। इसकी एक बाह में कैमरा लगा होता है और डॉक्टर उसमें देखकर थ्री डी के माध्यम से रोबोट की सहायता से टयूमर को काटकर निकाल देता है। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से ऑपरेशन करने में 20 मिनट का वक्त लगता है।