ये ठंड है कि जीने नहीं देता

मोनिका भारती, नई दिल्ली:
दिल्ली में हर रोज सुबह धुंध और कोहरे की चादर से ट्रैफिक की समस्या बढ़ रही है बल्कि लोगों को पल्यूशन और ठंड से भी परेशान कर रहा है। खासकर छोटे बच्चे और बुजुर्गों के लिए अचानक बढ़ी ठंड खतरनाक होता है। विंटर में मस्ती तो खास होता है, लेकिन ठंड हर किसी के लिए नुकसानदायक हो सकता है। कोहरे और धुंध ने अस्थमा और हार्ट के मरीजों की परेशानी बढ़ा दी है। ऐसे मौसम में एलर्जी का भी खतरा बढ़ जाता है। इन बीमारियों से बचने के लिए खुद को एक्सपोजर से बचाने की जरूरत है।

ठंड के एक्सपोजर से बचेंः
एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के डॉक्टर हेमंत गोयल का कहना है कि ठंड के कारण इंसान के बॉडी का टेंपरेचर
धीरे-धीरे कम होने लगता है, इसे हाइपोथर्मिया कहा जाता है। इंसान के बॉडी का नॉर्मल टेंपरेचर 37 डिग्री सेंटिग्रेड होता है। अगर बॉडी का टेंपरेचर 35 डिग्री से कम होने लगे तो मरीज की जान जा सकती है। यह इंसान के बॉडी की इम्यून सिस्टम के कमजोर होने की स्थिति में और खतरनाक हो जाता है। इसका अटैक खास कर बच्चों और बुजुर्गों में काफी होता है, इसलिए इस मौसम में ठंड से बच कर रहें और गर्म खाना खाएं और लिक्विड लेते रहें।

वायरल फीवर का खतरा:
मेडिसिन के डॉक्टर अनिल बंसल ने कहा कि इन दिनों वायरल फीवर के मरीज बढ़ जाते हैं। खासकर बुजुर्गों में यह परेशानी ज्यादा
देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि फीवर के साथ-साथ गले में इंफेक्शन, जुकाम, सर्दी भी होती है। कुछ लोग अब भी चिल्ड वॉटर और कोल्ड ड्रिंक्स पी रहे हैं, उन्हें गले में इंफेक्शन और खराश हो रहा है।

सांस की बीमारी का खतरा:
हिंदूराव के डॉक्टर डी. के. दास ने कहा कि दिल्ली में कोहरा और स्मॉग आए दिन छाया रहता है। स्मॉग में पॉल्यूशन और धुएं की वजह से सांस लेने में परेशानी होती है। स्मॉग की वजह से प्रदूषित कण जमीन के ठीक ऊपर जमा जाते हैं और हमारी सांस के साथ ही शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं। अगर ये पार्टिकल्स सांस के जरिए गले के अंदर तक जाएं, तो सांस लेने में दिक्कत आ सकती है और खांसी होने लगती है। यह पूरे ट्रैक को इफेक्ट करता है, जिससे ब्रोंकाइटिस का अटैक पड़ सकता है।

ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतराः
मैक्स कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर विवेका कुमार ने कहा कि सर्दी की वजह से टेंपरेचर में आई कमी से ब्लड वेसेल्स के सिकुड़ने से ब्लड गाढ़ा हो जाता है। इससे शरीर में ब्लड फ्लो ठीक से नहीं हो पाता है और हार्ट को शरीर में ब्लड पहुंचाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। दूसरा, सर्दियों में कोहरे के कारण पॉल्यूटेड कण की मात्रा भी बढ़ जाती है। इस कारण भी ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ऐसे में जरा सी भाग-दौड़ से ही सांस फूलने लगता है, सिरदर्द और सिर में भारीपन महसूस होता है। डायबिटिज के मरीज को हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक, आई हैमरेज, किडनी खराब होने का खतरा रहता है।

हार्ट अटैक का खतराः सरोज हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर संजीव अग्रवाल का कहना है कि सर्दियों में लोगों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा ज्यादा रहता है। हार्ट के बाईं ओर से निकलने वाली धमनियां गिरते तापमान के साथ सिकुड़ने लगती हैं, जिस कारण हार्ट को ब्लड फ्लो करने के लिए अधिक प्रयास करना पड़ता है। इससे दिल पर अधिक दबाव पड़ने लगता है और यही दिल का दौरा पड़ने का कारण बनता है। ऐसी स्थिति में उन लोगों के लिए खतरा और बढ़ जाता है, जिन्हें अपने दिल की स्थिति के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं होती।

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