लेह लद्दाख में दिल्ली के सर्जन ने 200 मरीजों का घुटना बदला

नई दिल्ली,
दुर्गम पहाड़ियों पर जहां सामान्य जीवन भी आसान नहीं होता, चिकित्सकों की टीम ने प्रत्यारोपण शिविर लगाकर 200 लोगों का घुटना प्रत्यारोपित कर दिया। एम्स के पूर्व आर्थोपेडिक सर्जन और वर्तमान में सरगंगाराम में प्रैक्टिस कर रहे डॉ. सीएस यादव की टीम ने पिछले हफ्ते लेह लद्दाख में 200वें घुटना प्रत्यारोपण की सफल सर्जरी की। लद्दाख में घुटना प्रत्यारोपण का यह मिशन एम्स में रहते हुए वर्ष 2014 में शुरू किया गया था।
लेह फिलांथ्रोफिक एम्ट्रोप्लास्टी कैंप अभियान के अंर्तगत वर्ष 2013-14 में अशोका मिशन के साथ मिलकर पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में चिकित्सा पहुंचाने का मिशन शुरू किया गया। एम्स में सेवा करने के बाद डॉ. सीएस यादव ने वर्ष 2019 में एम्स से वीआरएस लेने के बाद सरगंगाराम अस्पताल में अपनी सेवाएं शुरू कीं। जिसके बाद भी लेह लद्दाख का मिशन चलता रहा। हर साल चिकित्सकों की टीम उपकरण और जरूरी सामान के साथ लेह लद्दाख पहुंचती है, सर्जरी के लिए किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है। मिशन के तहत अब तक 201 घुटना प्रत्यारोपण और 17 कूल्हा प्रत्यारोपण किया जा चुका है। डॉ. सीएस यादव ने बताया कि टीम अपने साथ 500 किलोग्राम तक के वजन का सामान लेकर लेह लद्दाख पहुंचती है, यहां ऐसे लोगों की सर्जरी की जाती है जो इलाज के लिए दिल्ली या ऐसे किसी बड़े शहर तक नहीं जा पाते हैं। लेह लद्दाख में प्रत्यारोपण की सर्जरी अभियान को लिम्का बुक ऑफ रिकाड्र्स में भी स्थान मिल चुका है। इसके साथ ही प्रत्यारोपण की इस टीम को साउथ एशिया की बेस्ट सर्जिकल टीम का खिताब भी प्राप्त हो चुका है। 2019-20 में इसी क्रम में एक नये अध्याय को जोड़ा गया, जबकि हिमाचल प्रदेश के दुर्गम क्षेत्र हमीरपुर के दशमाल गांव में 63 लोगों का घुटना बदला गया। डॉ. सीएस यादव ने कहा कि मिशन के तहत दुर्गम क्षेत्रों में लोगों को बेहतर चिकित्सा पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। अक्टूबर महीने के दूसरे हफ्ते ने टीम ने एक बार नया मुकाम हासिल किया, लेह लद्दाख के दुर्गम क्षेत्र में 200वां प्रत्यारोपण किया गया, इस सफलता का टीम ने हर्षोल्लास के साथ जश्न मनाया।

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