नई दिल्ली: दिल्ली की एक फैशन डिजाइनर से सिंगल मां बनने का फैसला लिया, बच्चा गोद लेकर नहीं बल्कि सेरोगेसी के जरिए दो बच्चों की मां बनी अंशिका (बदला नाम) को अब बच्चों के साथ विदेश जा रही हैं। पहली बार ऐसी किसी सिंगल सेरोगेट मां को बच्चों के साथ विदेश जाने की अनुमति दी गई है, जिसमें मां को बच्चों की बायोलॉजिकल मां माना गया है और पिता के नाम का कॉलम खाली है।
दक्षिण दिल्ली निवासी अंशिका ने बताया कि लंबे समय से विवाह योग्य लड़का तलाशने के बाद भी उसे अपनी सोच को लड़का नहीं मिला तो उसे बच्चा गोद लेने क सोची, लेकिन वह चाहती थी कि बच्चा उसके ही शरीर का अंश हो। इसके लिए अंशिका ने सेरोगेसी का विकल्प अपनाया। वर्ष 2013 में सेरोगेसी के जरिए अंशिका ने दो लड़कों को जन्म दिया। बच्चों को लेकर अब अंशिका विदेश जाने की तैयारी भी कर रही है।
पहली बार मिला पासपोर्ट
ऐसा पहली बार हुआ है कि सिंगर सेरोगेट मां को बच्चों के साथ विदेश जाने की औपचारिक अनुमति दी गई हो। अंशिका का प्रसव कराने वाले इंडियन सोसाइटी फॉर थर्ड पार्टी असिसटेड रिप्रोडक्शन (आईएनएसटीएआर) की संयुक्त सचिव डॉ. शिवानी सचदेव गौड़ ने बताया कि सिंगल मां बनने से पहले अंशिका की चार चरण की काउंसलिंग की गई, लेकिन वह अपने निर्णय को लेकर मजबूत थी, तीन महीने की काउंसलिंग के बाद वर्ष 2013 में अंशिका ने सेरोगेसी के जरिए दो बच्चों को जन्म दिया। बच्चों के साथ विदेश जाने की अनुमति मिलने के बाद अंशिका बेहद खुश हैं। दिल्ली निवासी अंशिका ने हैदराबाद के आईवीएफ सेंटर में सेरोगेसी के जरिए नवजात को जन्म दिया।
विदेशी दम्पति को नहीं मिली थी अनुमति
हैदराबाद में एक विदेशी दम्पति के सेरोगेट बच्चों को दो साल पहले पासपोर्ट जारी करने से इंकार कर दिया गया था। न्यूयार्क निवासी लिंडा और एरिक डेलटान भारत में सेरोगेसी के आए। एरिस पत्नी लिंडा को दस महीने के लिए (बच्चे के जन्म तक) भारत में छोड़कर चले गए। नवजात के जन्म के बाद लिंडा को नवजात के पासपोर्ट के लिए सात हफ्ते का इंतजार करना पड़ा। हैदराबाद स्थानीय पासपोर्ट कार्यालय ने दूतावास से संपर्क कर बच्चे के पिता एसिक की डीएनए जांच के बाद ही नवजात को मां क साथ बाहर जाने की अनुमति दी।
देश में अब तक के नियम
-हिंदु भरण एवं पोषण अधिनियम 1956
-अभिभाव और संरक्षण अधिनियम 1890
-किशोरावस्था न्याय (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2000
नोट- इन अधिनियम के तहत गोद लिए गए बच्चों को प्रमाणपत्र और माता पिता के मेडिकल प्रमाणपत्र के आधार पर पासपोर्ट जारी किया जाता है। हालाकि सेरोगेसी के संदर्भ में माता और पिता दोनों के जरूरी दस्तावेज देखे जाते हैं। लेकिन सिंगल सेरोगेसी का यह पहला मामला था।