नई दिल्ली,
सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अहम मामले में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को नोटिस जारी किया है। रक्त विकार संबंधी बीमारी, सिकल सेल्स, थैलीसीमिया और हीमोफिलिया के मरीजों को सरकारी नौकरी में आरक्षण न मिलने के कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए सरकार को 31 अगस्त तक का समय दिया है, तब तक मंत्रालय को कोर्ट में अपना पक्ष रखना है।
अधिवक्ता रीपक कंसल, आशुतोष गर्ग और सागर शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ने मंत्रालय से जवाब मांगा है। याचिका में कहा गया कि रक्त संबंधी विकार के इन मरीजों को शिक्षा में आरक्षण मिलता है, लेकिन सरकारी नौकरियों के लिए इन्हें भटकना पड़ता है। जबकि भारतीय संविधान के सेक्शन 32 शिक्षा का और सेक्शन 34 में दिव्यांगों को नौकरी का अधिकार दिया गया है। जनहित याचिका में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय सहित, विकलांगता विभाग को अभियोजन पक्ष बनाया गया।