नई दिल्ली,
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के छात्रों ने एक “स्मार्ट एग्रीकॉप्टर” (ड्रोन) बनाया है जिससे खेतों में हाथ से कीटनाशक का छिड़काव खत्म किया जा सकेगा और कैमरे का इस्तेमाल कर फसल के स्वास्थ्य का भी पता चलेगा।
इस नई तकनीक से अब इंसानों द्वारा किये जाने वाले कीटनाशक छिड़काव की लागत में ही पहले के मुकाबले 10 गुना तेजी और 100 फीसद सटीकता से काम होगा। आईआईटी- मद्रास के नवोन्मेष केन्द्र के छात्रों ने हाथ से कीटनाशक का छिड़काव किये जाने को बेहद खतरनाक गतिविधि पाया क्योंकि इससे किसानों और मजदूरों की सेहत को खतरा रहता है और जहरीले रसायनों का अत्यधिक इस्तेमाल होता है। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग छात्र ऋषभ वर्मा ने कहा कि अत्याधुनिक मल्टीस्पैक्ट्रल इमेजिंग कैमरा हेक्साकॉप्टर ड्रोन को फसल की सेहत के आधार पर खेत का स्मार्ट मैप बनाने में मदद करती है और इसकी पूरी तरह से स्वचालित कीटनाशक रीफिलिंग प्रणाली यह सुनिश्चित करती है कि पूरा छिड़काव स्वचालित हो। उन्होंने कहा, “कृषि हमारे देश का आधार है और इसे उन्नत बनाने की जरूरत है। हम आधुनिक ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर हाथ से किये जाने वाले कीटनाशक छिड़काव उद्योग को स्वचालित बना रहे हैं।” इस तकनीक को बनाने वाले तीन सदस्यीय दल ने एग्रीकॉप्टर के पेटेंट के लिये भी आवेदन किया है। इसे बनाने में लभगम 5.1 लाख रुपये की लागत आई है।
(भाषा)