नई दिल्ली,
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली द्वारा विकसित एक कम लागत वाली कोरोना जांच किट को बुधवार को लांच किया जाएगा, जिसमें एक वैकल्पिक जांच विधि का उपयोग किया गया है। आईआईटी के निदेशक ने यह जानकारी दी है। आईआईटी दिल्ली कोरोना जांच पद्धति विकसित करने वाला पहला शैक्षणिक संस्थान बन गया है।
संस्थान ने कंपनियों को जांच किट का कामर्शिलाइजेशन करने के लिए गैर-विशिष्ट मुक्त लाइसेंस प्रदान किया है। हालांकि संस्थान ने प्रति किट की कीमत 500 रुपये रखी थी, लेकिन कंपनी न्यूटेक मेडिकल डिवाइसेस ने अभी कीमत की घोषणा नहीं की है, जो बुधवार को ‘कोरोस्योर’ नाम की किट लॉन्च कर रही है, केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे किट को लांच करेंगे। आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी रामगोपाल राव ने कहा कि यह देश में पैमाने और लागत दोनों के संदर्भ में कोविड-19 जांच के प्रतिमान को बदल देगा। आईसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) और डीसीजीआई (भारतीय दवा महानियंत्रक) द्वारा स्वीकृत इस उत्पाद को बुधवार के लॉन्च किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आईआईटी दिल्ली की तकनीक का उपयोग करके न्यूटेक मेडिकल डिवाइसेस कंपनी प्रति माह 20 लाख जांच बेहद सस्ती कीमत पर कर सकती है। यह लैब टू मार्केट का एक सच्चा उदाहरण है। आईआईटी दिल्ली के शोधकर्ताओं की टीम के अनुसार उपलब्ध जांच पद्धतियां जांच-आधारित” हैं, जबकि उनके द्वारा विकसित पद्धति एक “जांच-मुक्त” विधि है, जो सटीकता के साथ समझौता किए बिना जांच लागत को कम करती है। तुलनात्मक अनुक्रम विश्लेषणों का उपयोग करते हुए, आईआईटी दिल्ली की टीम ने कोविड-19 और सार्स कोव-2 के जीनोम में अनोखे क्षेत्रों (आएनए अनुक्रमों के छोटे हिस्सों) की पहचान की। टीम के प्रमुख सदस्य प्रोफेसर विवेकानंदन पेरुमल ने बताया कि कुछ अनोखे क्षेत्र अन्य मानव कोरोना वायरस में मौजूद नहीं होते हैं, इसलिए यह विशेष रूप से कोविड-19 का पता लगाने का अवसर प्रदान करता है। मालूम हो कि भारत में कोविड-19 के 28,498 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर मंगलवार को नौ लाख के पार पहुंच गए। केवल तीन दिन में ही मामले आठ से नौ लाख के पार पहुंच गए हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार सुबह आठ बजे जारी किये गए। आंकड़ों के अनुसार भारत में कोरोना वायरस के मामले अब 9,06,752 हैं। वहीं 553 और लोगों की जान जाने के बाद वायरस से मरने वालों की संख्या अब 23,727 हो गई है। कुल पुष्ट मामलों में से 5,71,459 लोग ठीक हो चुके हैं और 3,11,565 लोगों का इलाज जारी है।