नई दिल्ली,
वसंतकुंज स्थित लिवर इंस्टीट्यूट एंड बिलियरी साइंस द्वारा मंगलवार को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया गया। एंपेथी कांक्लेव 2020 के जरिए लोगों को लिवर संक्रमण के बारे में जागरुक किया गया। संस्थान के ऑनलाइन कांक्लेव में संसद के 270 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया। जबकि कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, केन्द्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद सहित संस्थान के निदेशक डॉ. एसके सरीन उपस्थित थे।
एंपेथी कांक्लेव 2020 की थीम इस बात कोरोना संक्रमण काल में लिवर को किस तरह सुरक्षित रखें, इस विषय पर रखी गई। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने ऑनलाइन कांक्लेव में शामिल होने वाले सभी संसद सदस्यों को धन्यवाद दिया, और कहा कि एक साथ इनती बड़ी संख्या में संसद सदस्यों ने अपनी डिजिटल उपस्थिति दर्ज कराई है, जिससे यह दिन ऐतिहासिक पन्नों में दर्ज हो गया है। उन्होंने कहा कि लिवर संक्रमण भारत की एक समस्या है, जिससे हर वर्ष बड़ी संख्या में लोगों की मौत होती है। उन्होंने संक्रमण के बारे में लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करने पर जोर दिया। उन्होंने चयनित सांसदों से अपील की कि सभी अपनी संसदीय क्षेत्र में लोगों को हेपेटाइटिस बी और सी के बारे में जागरूक करें। केन्द्रीय कानून मंत्री रविप्रसाद शंकर ने कहा कि जिस तरह अब लोगों के मन से लेप्रेसी को लेकर भ्रम दूर हो गया है इसी तरह हेपेटाइस के बारे में सभी को जागरूक करना होगा। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड मरीजों में लिवर का संक्रमण होने से स्थिति अधिक गंभीर देखी गई। कई कोरोना मृतक लिवर के संक्रमण के शिकार थे। आईएलबीएस के निदेशक डॉ. एसके सरीन ने कहा कि लिवर हमारे शरीर का अध्यक्ष है, जिसे शरीर की आत्मा भी कहा जा सकता है। पांच प्रमुख तरह के वायरस, ए,ई,बी,सी और डी लिवर को बीमार करते हैं। उन्होंने कहा कि देश भर में करीब चार करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी व डेढ करोड लोग हेपेटाइटिस सी से पीडित है। इस बीमारी से हर साल करीब डेढ लाख लोगों की मौत होती है। जो एड्स, मलेरिया व टीबी को मिलाकर भी ज्यादा है। कोरोना से ज्यादा लोग हेपेटाइटिस से पीडित होते हैं। इसकी रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान बहुत जरूरी है