नई दिल्ली: लंबे समय से पीठ दर्द की समस्या से जूझ रहे लोगों की समस्या पूरे विश्व में गंभीर है। भारत में 60 प्रतिशत लोग कमर के निचले हिस्से के दर्द से कभी ना कभी पीड़ित रहते हैं।कमर में दर्द से चलना फिरना मुश्किल हो जाता है और दिनचर्या के आम काम करना भी मुश्किल हो जाता है। कुछ लोगों के लिए समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि उम्र भर दर्द ठीक नहीं होता और हमेश के लिए हालत खराब कर देता है। कुछ ऐसे कदम हैं जिन्हें उठा कर इस गंभीरता को कम और लंबे समय के कमर दर्द को ठीक किया जा सकता है।
आईएमए के नैशनल प्रेसीडेंट इलेक्ट एंव एचसीएफआई के प्रेसीडेंट पद्मश्री डॉ केके अग्रवाल ने बताया कि पहला और सबसे अहम है वज़न कम करना। जितना आपका वज़न ज़्यादा होगा रीढ़ की हड्डी को उतना ज़्यादा वज़न उठाना होगा। उससे भी मुश्किल तब होती है जब आपके पेट पर मोटापा हो, जिससे गुरूत्वाआकर्षक का केंद्र बदल जाता है, आगे को झुकने की वजह से आपकी पीठ पर ज़्यादा वज़न पड़ता है। तंदरूस्त रहना और संतुलित वज़न बनाए रखना अगला कदम है। पीठ और मांसपेशियों की जकड़न खोलना और उन्हें मज़बूत रखना बहुत ही अह्म है। इसके लिए की जाने वाली कसरतों का केंद्र पीठ, पेट और कूल्हों की मांसपेशियां होनी चाहिए। साईकिल चलाना, सैर करना, तैरना आदि का नुकसान कम और फायदे ज़्यादा होते हैं।
पुरानी पीठ दर्द वाले लोगों को धुम्रपान छोड़ने की सलाह दी जाती है। सिगरेट में मौजूद निकोटीन कमर के निचले हिस्से में दर्द की दो वजह बनते हैं। पहले तो निकोटीन रक्त के बहाव को वर्टर्ब और डिस्क तक जाने से रोकता है। यह कार्यप्रणाली को बाधित करना है और पीठ दर्द का कारण बनता है। दूसरा सिगरेट पीने वाले लोगों की हड्डियां ना पीने वाले लोगों से ज़्यादा जल्दी कमज़ोर होती हैं, जिससे उन्हें ओस्टियोपोरोसिस होने का ख़तरा बढ़ जाता है, जो कि कमर दर्द का एक और कारण है।
डाॅ अग्रवाल बताते हैं कि बच्चों और किशोरों में कमर दर्द काफी बढ़ रहा है। अमेरीकन अकेडमी आॅफ ओर्थोपाइडिक सर्जनज़ के मुताबिक 60 प्रतिशत डाॅक्टरों ने माना कि उन्होंने स्कूल जाने की उम्र के मरीज़ों का कमर और कंधे दर्द का इलाज किया है, जिनकी वजह उनके भारी बस्ते हैं। बच्चों को सलाह दी गई है कि वह बस्ते को एक कंधे पर लटकाने की बजाए दोनों कंधें पर पहने, केवल आवश्यक सामान ही साथ लेकर जाएं और जितना कम हो सके बस्ते का वज़न कम रखें। इसके साथ ही चौड़े स्ट्रैप वाले और अलग-अलग ख़ानों वाले बैग लें ताकि वज़न को संतुलित रूप से अलग-अलग हिस्सों में बांटा जा सके।
इन बातों पर करें गौर-
खड़े होकर कपड़े तह लगाते वक्त या इस्त्री करते समय एक पैर फुट स्टूल पर रखें।
एक ही स्थिति में लंबे समय तक खड़े या बैठे ना रहें, अपनी मुद्रा को बदलते रहें या थोड़ी थोड़ी देर बाद चल फिर लें।
कमर के पास से झुकते हुए हाथों के सहारे का प्रयोग करें।
बैठते समय अपने घुटने अपने कूल्हों से थोड़ा ऊपर रखें और उन्हें 90 डिगरी के कोण पर मोड़ें। अपने पैर आराम से फर्श पर रखें। अगर आपके पैर फर्श तक नहीं जाते तो उसके नीचे स्टूल आदि रखें।
कमरे में वैक्यूम क्लीनर से सफाई करते वक्त आपकी पीठ काफी थक जाती है, इस लिए थोड़ा-थोड़ा हिस्सा करके सफाई करें, और एक साथ 10 मिनट से ज़्यादा ना लगाएं।