नई दिल्ली,
कोरोना संक्रमण काल डॉक्टरर्स के लिए सबसे अधिक चुनौतपूर्ण है। दस से पन्द्रह दिनों तक लगातार ड्यूटी करने बाद कोरोना वॉरियर डॉक्टर्स परिजनों को संक्रमण न पहुंचे इसके लिए घर नहीं जाना चाह रहे। इंदौर के एक डॉक्टर ने घर जाने की जगह अपने निजी वाहन को ही अपना घर बना लिया है। कोरोना ड्यूटी में पन्द्रह दिन तक रहने के बाद मेडिकल और पैरामेडिकल स्टॉफ 14 दिन का क्वारंटाइन किया जाता है। क्वारंटाइन का यह समय वह घर की जगह घर से दूर कहीं निजी जगह पर रह कर बिताना चाह रहे हैं।
मध्यप्रदेश के जेपी अस्पताल में काम करने वाले डॉ. सचिन नायक ने कार को ही क्वारंटाइन बना लिया है। नियमित दिनचर्या में प्रयोग होने वाली सभी चीजें रखने के बाद डॉ. सचिव ने पीछे की सीट हटाकर गद्दा बिछा दिया, इसके साथ ही अन्य कुछ चीजें रखकर वह अपना क्वारंटाइन का समय बिताएगे। अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों की सभी तरह की जरूरतों का ध्यान रखा जा रहा है। घर न जाने का उनका बेहद व्यक्तिगत निर्णय है, हम उनके सभी निर्णयों मे सहयोग कर रहे हैं। डॉ. सचिन नायक ने मीडिया से हुई बातचीत में बताया कि वह बीते पन्द्रह दिनो से कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रहे थे, हालांकि वह स्वस्थ्य है, लेकिन क्वारंटाइन गाइडलाइन का पालन करने के लिए कार को ही उन्होंने क्वारंटाइन बना लिया।