गरीबी की हालत में दिमाग कमजोर हो जाता है और सोचने-समझने की ताकत कम हो जाती है।

जिस तरह गाड़ी को चलाने के लिए फ्यूल की जरूरत होती है, वैसे ही दिमाग को चलाने के लिए भी पैसे की जरूरत होती है। एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक पैसे और दिमाग का सीधा संबंध हैँ। जिस शख्स के पास पैसा रहता है, उसका मस्तिष्क भी तेज काम करने लगता है और कमाई का जरिया भी बढ़ने लगता है।
हाल ही में अमेरिकी जर्नल ऑफ प्रिवेन्टेटिव मेडिसिन में प्र‌काशित हुई रिपोर्ट के मुताबिक पैसों की वजह से जिंदगी में टेंशन आती है। गरीबी की हालत में दिमाग कमजोर हो जाता है और सोचने-समझने की ताकत कम हो जाती है। यही वजह है कि ज्यादा पढ़े-लिखे लोग भी ऐसे हालात में डगमगा जाते हैं। इस रिपोर्ट को मियामी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अदिना जेकी के नेतृत्व में तैयार किया गया है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक जीवन के शुरूआती 20 वर्षों तक दिमाग काफी मजबूत रहता है, लेकिन गरीबी के साथ-साथ खान-पान, ध्रूम्रपान, शराब का सेवन, व्यायाम पर ध्यान नहीं देने के कारण यह समय के साथ कमजोर हो जाता है। 3400 लोगों पर काम करके अपनी रिपोर्ट तैयार की, जिनकी उम्र 18 से 35 साल के बीच की है। इसमें ऐसे लोगों ने अपने काम में ज्यादा खराब प्रदर्शन किया, जिन्होंने अपने जीवन का ज्यादा समय गरीबी में बिताया है।

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