चॉकलेट के वजन की बच्ची को चिकित्सकों ने बचाया

नई दिल्ली: उसका जन्म और जिंदा रह पाना एक चमत्कार के जैसा है। खुद चिकित्सक इस बात की उम्मीद छोड़ चुके थे कि सामान्य डिलिवरी क 12 हफ्ते पहले जन्मी बेहद कम वजन की बच्ची को दुनिया में लाकर कैसे जिंदा रखा जा सकेग। लेकिन कुदरत का करिश्मा देखिए मानुषी आज छह महीने की हो गई है और वजन पांच किलोग्राम है। चिकित्सक मानुषी को विश्व के सबसे कम वजन का नवजात बता रहे हैं।

जन्म के समय 400 किलोग्राम की नवजात बच्ची की लंबाई मात्र 8.6 इंच थी। मानुषी की मां की उम्र 48 साल और पिता गिरि राज की उम्र पचास साल बताई जा रही है। प्रसव के समय मां सीता को इमरजेंसी में लाया गया और सी सेक्शन सर्जरी की गई। सीता का प्रसव करने वाले डॉ. सुनील जांगड़ ने बताया कि बच्ची के जन्म के समय चिकित्सक बेहद अनिश्चित थे, मां की अधिक उम्र और बच्ची का बेहद कम वजन उसके गर्भ से बाहर निकल जीवित रहने की उम्मीद को कम कर रहा था। आठ इंच लंबी बच्ची के शरीर के जरूरी अंग अभी विकसित भी नहीं हो पाए थे सामान्यत: 32 हफ्ते गर्भधारण की जगह मानुषी का जन्म 12वें हफ्ते में हो गया था, दिल की असामान्य धड़कन, खून की कमी और विकसित अंगों को देखते हुए उसे कुछ दिन के लिए लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया। अमाश्य विकसित न होने के कारण वह सही ढंग से दूध भी नहीं ले पा रही थी। यह कहा जा सकता है कि कैडबरी के एक बड़ी चॉकलेट के वजन के साथ पैदा हुई मानुषी को को दिल और सांस को सामान्य रखने के लिए लगातार वेंटिलेट सपोर्ट दिया गया। जन्म के आठ महीने बाद अब वह स्वस्थ्य है।

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