राजस्थान प्रतिनिधि,
जैसलमेर जिले के एक प्राइमरी अस्पताल में दर्दनाक हादसा हुआ। घटना से राज्य में संस्थागत प्रसव के सरकार के प्रयास को तगड़ा झटका लगा है वहीं सरकारी अस्पतालों में सरकारी लापरवाही की तस्वीर भी सामने आई है। दरअसल जैसलमेर के एक प्राइमरी स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सकों की गैर मौजूदगी में पुरूष नर्स ने महिला के पेट से जबदस्ती नवजात को बाहर निकालने की कोशिश की, जिसमें नवजात का सिर गर्भ में ही रह गया। बाद में परिजनो ने पुरूष नर्स के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
जानकारी के अनुसार महिला का यह चौथा बच्चा था, और जिस समय उसे पीएचसी पर लाया गया नवजात का आधा शरीर बाहर जा चुका था। आनन फानन में पुरूष नर्स ने महिला को अस्पताल में भर्ती किया और बिना चिकित्सक के ही दोनों नर्स जबरदस्ती नवजात को शरीर से बाहर निकालने की कोशिश करने लगे, जिसमें नवजात की मौत हो गई और सिर धड़ से अलग हो गया। बाद में चिकित्सकों ने सर्जरी कर महिला के पेट से नवजात के सिर को निकाला। मामले पर परिजनों की शिकायत पर थाना रामगढ़ में आईपीसी की धारा 304 और 336 के तहत नर्सो पर मुकदमा दर्ज किया गया। मामले पर राज्य के मुख्यमंत्री रघुराम ने जांच कमेठी गठित करने के आदेश दिए। जैसलमेर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीएल बुनकर ने कहा कि अस्पताल का निरिक्षण किया गया, जब महिला को अस्पताल में भर्ती किया गया, उस समय महिला चिकित्सक छुट्टी पर थी।