अगर आप टीवी के रोगी हैं और दवाई खाने के दौरान अपने खानपान का ध्यान नहीं रखते तो इससे आपको हेपेटाइटिस होने का खतरा हो सकता है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि टीवी के इलाज शुरु करने के साथ ही रोगी को 7 से 10 दिन में अपने लीवर की जांच अवश्य करवानी चाहिए। जांच में अगर लीवर बढ़ा पाया जाता है तो तुरंत इसका इलाज शुरु करवाएं। ये हेपेटाइटिस के शुरुआती लक्षण माना जाता है। क्यू आर जी सेंट्रल हॉस्पिटल के गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ़ रुबल गुप्ता आज हॉस्पिटल में आयोजित एक निशुल्क हेपेटाइटिस स्क्रीनिंग कैंप में यह जानकारी दी। हर साल हेपेटाइटिस दिवस 28 जुलाई को विश्व भर में मनाया जाता है। क्यू आर जी हेल्थ सिटी एवं सेंट्रल हॉस्पिटल में आयोजित इस विषेस हेपेटाइटिस स्क्रीनिंग कैंप में लगभग 120 लोगों ने भाग लिया जहाँ उन्होंने निशुल्क ब्लड टेस्ट व सीनियर गैस्ट्रोलॉजिस्ट से परामर्श का लाभ उठाया।
डॉ़ रुबल गुप्ता के अनुसार डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली डाइट और बताई जाने वाली दवाईयों को मेनटेन रखना टीवी के इलाज में कारगर साबित हो सकता है। लेकिन डाइट में जरा सी भी अगर लापरवाही बरती तो हेपेटाइटिस का कारण बन सकता है। इसलिए यह अवश्यक है कि टीवी का इलाज शुरु करने के पहले दिन से ही डायटीशियन से अपना डाइट चार्ट जरुर बनवाएं, क्योंकि टीवी की दवाईयां काफी स्टॉग (गर्म) होती है जो टीवी के कीडों को मारने के लिए जरुरी है लेकिन इसके गर्म होने का असर हमारे लीवर पर भी पड़ता है जिससे लीवर के कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है। टीवी की दवाईयां डॉक्टर की देखरेख में ही लें। स्वंय से दवाईयां न खाएं।
गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के निर्देशक डॉ. संजय कुमार बताते हैं कि हेपेटाइटिस पूरी दुनिया में तेजी से फैलती बीमारियों में से एक है। भारत में भी इसके मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। एड्स की तरह ही फैलने वाले हेपेटाइटिस को लेकर लोगों में एड्स जैसी जागरूकता अभी तक नहीं आई है। शौच के बाद या खाना खाने से पहले हाथ अच्छी तरह धोएं। हमेशा ताजा और साफ तरीकों से बना खाना ही खाएं। साफ पानी ही पिएं। इस बीमारी से बचने के लिये अब टीका भी मौजूद है, इससे बचनें के लिए टिकाकरण अवश्य करवाएं। यौंन संबंध बनाते समय सावधानी बरतें और संक्रमण फैला सकने वाली वस्तुओं (सुंई, रेज़र आदि) का उपयोग ना करें।