डायबिटिज के मरीजों को अब तक दिल, किडनी और आंखों के संक्रमण बढ़ने के लिए ही सचेत किया जाता था, लेकिन हाल में किए गए एक अध्ययन में इस का खुलासा हुआ है कि डायबिटिज में लिवर के हेपेटाइटिस सी संक्रमण (एचसीवी) का खतरा दस गुना अधिक होता है। इसी तरह हेपेटाइटिस सी संक्रमण के शिकार मरीजों को भी डायबिटिज होने की संभावना अधिक होती है। एचसीवी और डायबिटिज के बीच के इस रिश्ते को जानने के लिए 777 मरीजों पर अध्ययन किया। इसके लिए एक जीन को जिम्मेदार माना गया है।
अध्ययन के प्रमुख सरगंगाराम अस्पताल के गैस्ट्रोइंटेलॉजी और पैंक्रियाज साइंस के डॉ. अनिल अरोड़ा ने बताया कि एचसीवी संक्रमण डायबिटिज की वजह हो सकता है, अध्ययन में इससे जुड़े कई पहलूओं पर जांच की गई। बीते दो साल में अस्पताल में हेपेटाइटिस सी का इलाज कराने आए 115 मरीजों में से 22 प्रतिशत मरीजों मे डायबिटिज मेलाइटिस का खतरा भी देखा गया। इससे इम्यून और जीन संबंधी कई चीजों को जिम्मेदार पाया गया। दोनों बीमारियों के मरीजों में इंटरल्यूकिन28बी जीन के नॉन सीसी जीनोटाइप पर नजर रखी गई। डॉ. अनिल अरोड़ा ने बताया कि डायबिटिज का खतरा उन मरीजों पर अधिक देखा गया, जिसमें नॉन सीसी जीनोटाइप का प्रतिशत 31 से 13 प्रतिशत था। टी लेट्स सेल्स की कमी की वजह से इंसूलिन आधारित डायबिटिज के मरीजों में नॉन सीसी जीनोटाइप को अधिक हेपेटाइटिस सी संक्रमण की वजह पाया गया। शोध में शामिल डॉ. आशीष कुमार ने बताया कि शरीर में इंसुलिन का बनना या टाइप वन डायबिटिज और इंटरल्यूकिन 28बी जीन (हेपेटाइटिस सी संक्रमण के लिए कारक) एक दूसरे की वजह से होने वाले संक्रमण हैं।
डायबिटिज मरीजों के लिए सलाह
– एचसीवी संक्रमण की वजह से डायबिटिज के मरीजों में लिवर खराब हो सकता है
– जिसके कारण लिवर का कैंसर या लिवर सिरोसिस की संभावना चार गुना बढ़ जाती है
– डायबिटिज में अन्य सामान्य जांच के अलावा हेपेटाइटिस सी संक्रमण की जांच भी करानी चाहिए
– एचपीवी से बचाव का हालांकि अभी कोई वैक्सीन नही है, लेकिन दवाओं से संक्रमण रोक सकते हैं
-डायबिटिज मरीजों में यदि इंसुलिन निष्क्रिय या रेसिसटेंस हो तो एचसीवी दवाएं लेना शुरू करना जरूरी
नोट- हेपेटाइटिस संक्रमण से बचाव के लिए पहले इंजेक्शनयुक्त थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता था, अब बेहतर और सस्ती दवाएं उपलब्ध हैं।