डॉक्टरों के लिए संरक्षण के साथ संवाद भी अहम: हरिवंश नारायण सिंह

नई दिल्ली,
‘कहते हैं कि बातचीत से बड़ी से बड़ी समस्या भी हल हो जाती है। इसी तरह डॉक्टरों और रोगियों में बढ़ती तनातनी की स्थिति को काबू करने के लिए डॉक्टरों के लिए कानूनी संरक्षण के साथ-साथ संवाद भी बेहद जरूरी है।’ राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने यूरोलोजिस्ट के सम्मेलन में ये बातें कहीं।

यूरोलोजिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया (यूएसआई) ने मेडिकल क्षेत्र में यूरोलॉजी की विभिन्न समस्याओं के समाधान पर चर्चा करने के लिए राजधानी लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के सभागार में दो दिवसीय सम्मेलन ‘युरोकम्युनिकॉम-2019’ आयोजित किया। सम्मेलन में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह मुख्य अतिथि और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अश्विनी कुमार चौबे विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद थे। सम्मेलन के आयोजक अध्यक्ष डॉ. अनिल गोयल ने स्वागत भाषण देकर सभी अतिथियों का स्वागत किया।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि एक समय उन्हें एक यूरोलोजिस्ट ने ही नई जिंदगी दी थी। इसलिए वे इस सम्मेलन में आए देशभर के यूरोलोजिस्ट को देखकर काफी खुश हैं। उन्होंने बताया कि हाल में उन्होंने डॉक्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट को अधिक मजबूत बनाने का प्रयास किया है। इसमें भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा और केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन जी का विशेष योगदान रहा है। इस तरह के सम्मेलनों से डॉक्टरों और रोगी में बेहतर तालमेल का माहौल बनाने में मदद मिलती है। इस अवसर पर यूएसआई के प्रमुख डॉ. मधुसूदन अग्रवाल, डॉ. राजीव टीपी, डॉ. अजय कुमार और डॉ. अनूप समेत देश के तमाम यूरोलोजिस्ट भी मौजूद थे।

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