डॉक्टरों या स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले पर सात साल की सजा

नई दिल्ली,
देश भर में स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टरों पर होने वाले हमले को लेकर सरकार ने सख्त कदम उठाया है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने डाक्टरों से इस बावत बातचीत की। जिसके बाद काम की तारीफ के साथ ही दिया सुरक्षा का भरोसा दिलाया। आईएमए के साथ हुई बैठक के बाद ही स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए आर्डिेनेंस जारी कर दिया गया। जिसमें डॉक्टरों या स्वास्थ्यकर्मियों पर होने वाले हमले अब गैर जमानती जाएगा। हमलावर पर 50 हजार से 2 लाख तक जुर्माना का भी प्रावधान किया गया है। गंभीर हमला में 7 साल तक सजा की बात कही गई है।
इससे पूर्व केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को डाक्टरों के एक समूह तथा भारतीय चिकित्सा संघ आईएमए के प्रतिनिधियों से बातचीत की और कोरोना वायरस के खिलाफ संघर्ष में उनके योगदान को सराहा। गृह मंत्री की डाक्टरों के साथ यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब देशभर से कोरोना वायरस से लोहा ले रहे डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले की खबरें आ रही हैं। गृह मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए डाक्टरों और आईएमए के प्रतिनिधियों से बातचीत की। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
गृह मंत्री ने साथ ही उनसे अपील की कि वे प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन भी ना करें क्योंकि सरकार डाक्टरों के साथ है। अधिकारी ने यह जानकारी दी। आईएमए कोरोना वायरस संकट के दौरान अपनी ड्यूटी कर रहे डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रहे हमलों के विरोध में एक प्रदर्शन की योजना बना रहा था। ऐसी रिपोर्टे देश के विभिन्न भागों से आ रही हैं कि कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के इलाज में लगे डाक्टरों के साथ दुव्र्यवहार के साथ ही उनके साथ मारपीट और पथराव करने और लोगों द्वारा उन्हें उनके घरों में घुसने से रोका जा रहा है। शिलांग और चेन्नई में कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वाले दो डाक्टरों के परिजनों को उनका अंतिम संस्कार करने तक में भरी दिक्कत का सामना करना पड़ा था क्योंकि स्थानीय लोगों का कहना था कि मृतकों को उनके इलाकों में दफनाए जाने से वहां कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा हो सकता है।
भाषा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *