दिल्ली में डेढ़ साल बाद बच्चे पहुंचे स्कूल,

नई दिल्ली,
दिल्ली में कोविड संक्रमण दर कम होने और रिकवरी रेट बढ़ने के बाद एक सितंबर से कक्षा नौ से 12 तक के बच्चों के लिए स्कूलों को खोल दिया गया है। बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों की सहमति जरूरी होगी, इसके साथ ही स्कूल में कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन भी सख्ती से किया जाएगा। स्कूल खोलने को लिए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया ने मीडिया को दी गई जानकारी में कहा कि स्कूलों के 98 प्रतिशत अध्यापक अध्यापिकाओं और स्टॉफ को कोविड वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है। लंबे समय से घरों में कैद बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए स्कूलों को खोलना जरूरी थी।
हालांकि बुधवार एक सितंबर को दिल्ली में जारी भारी बारिश के कारण बच्चों की उपस्थिति अपेक्षाकृत कम दर्ज की गई। इससे पहले सरकार ने स्कूलों में बच्चों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए सभी स्कलों को सैनेटाइज करा दिया। इसके साथ ही बच्चों को स्कूल भेजने और न भेजने का निर्णय पूरी तरह अभिभावकों पर निर्भर करेगा। सरकार का दावा है कि सभी स्कूलों के 98 प्रतिशत स्टॉफ और टीचर्स को कोविड वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है। स्कूल में मास्क और सामाजिक दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा, इस बात के लिए स्कूल स्टॉफ को प्रशिक्षित किया गया है कि वह बच्चों को कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करने के लिए लगातार प्रोत्साहित करें। शिक्षा मंत्री और दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने कहा कि लंबे समय से बच्चे घरों में कैद से उनके मानसिक और शारीरिक विकास के लिए स्कूलों को खोला जाना जरूरी थी। स्कूल में बच्चों की किसी भी तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का मुआयना करने के लिए टीम तैयार की जाएगी, ऐसी किसी भी परिस्थिति में तुरंत अभिभावकों को सूचित किया जाएगा।

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