नई दिल्ली,
दिल्ली में अब अधिक संख्या में दिल के मरीजों को तुरंत चिकित्सीय सहायता मिल सकेगी। एम्स और आईसीएमआर से मिशन दिल्ली स्कीम का दायरा 78 किलोमीटर कर दिया है। हृदयघात के मरीजों के लिए शुरूआती 90 मिनट को गोल्डन ऑवर माना जाता है, जिसमें मरीज को इलाज उपलब्ध हो जाना चाहिए।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और एम्स के सहयोग से शुरू किए गए मिशन दिल्ली नाम की इस मुहिम के तहत अब एम्स और आईसीएमआर के 78 किलोमीटर तक के दायरे में आने वाले मरीजों को हृदयघात पर तुरंत सहायता दी जा सकेगी। दायरा बढ़ने से दिल्ली के 20 से 25 लाख आबादी के मरीजों को सहायता मिल सकेगी। 25 अप्रैल 2019 में शुरू की गई स्कीम से अब तक हृदयघात के 44 मरीजों को आपातकालीन चिकित्सीय सहायता दी जा चुकी है।
आईसीएमआर द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार मिशन दिल्ली के स्टेमी हार्ट अटैक की स्थिति में टोल फ्री नंबर 1800111044 और 14430 नंबर पर कॉल की जा सकती है, इसमें केवल हृदयघात के मरीजों को ही शामिल किया गया। टोल फ्री नंबर पर प्राप्त हुई कॉल पर एम्स से बाइक एंबुलेंस के साथ दो प्रशिक्षित नर्सों को मरीज की सहायता के लिए भेजा जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम समय लगे, इसलिए बाइक एंबुलेंस और टीम को हमेशा तैयार रखते है। 30 से 60 मिनट में मरीज को एम्स पहुंचाया जाता है, इसके बाद तुरंत इलाज शुरू हो जाता है। बाइक को इसलिए रखा गया है कई बार टै्रफिक की समस्या होने के कारण चारपहिया एंबुलेंस को पहुंचने में अधिक देर होती है। बीते एक साल में स्टेमी हार्ट अटैक के 44 मरीजों को सहायता दी जा चुकी है। स्टेमी हार्ट अटैक दिल के दौरे की बेहद गंभीर अवस्था होती है, जिसमें धमनियों में 80 प्रतिशत ब्लाकेज हो जाता है।