दिल के मरीजों के लिए घातक है डेंगू का बुखार

डेंगू का बुखार दिल को कमजोर कर सकता है। इस बावत किए गए एक अध्ययन में देखा गया कि डेंगू बुखार के पांच से छह दिन का दौर दिल की धड़कन को अनियंत्रित कर देता है। इसके साथ ही जिन मरीजों को पहले से दिल की बीमारी है उनके लिए डेंगू का इलाज करना भी एक बड़ी चुनौती है, देखा गया कि एंजियोप्लास्टी करा चुका दिल के मरीजों को डेंगू का असर लंबे समय तक रहता है। अहम यह है कि इन मरीजों को बुखार का इलाज कराने के साथ ही हृदय रोग विशेषज्ञों से भी सलाह देनी चाहिए।
डेंगू मच्छर एडीस का दिल को भी बीमार करता है, बुखार के पुष्टि के बाद दूसरे से तीसरे दिल तक यह लगातार रक्तचाप को अनियंत्रित रखता है। अधिकांश चिकित्सक डेंगू बुखार के इलाज के वक्त ईसीजी जांच को अहमियत नहीं देते। लेकिन अनियंत्रित बीपी दिल के लिए घातक हो सकता है। इस बावत फोर्टिस अस्पताल ने पहले बार डेंगू बुखार के मरीजों के दिल पर भी नजर रखी। अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. उपेन्द्र कौल ने बताया कि दिल की बीमारी के साथ डेंगू बुखार का इलाज के लिए आने वाले मरीजों में कई तरह की चुनौतियां देखी गई, डेंगू के सामान्य मरीजों में बुखार के दौरान दिल की धड़कन अनियंत्रित देखी गई। हालांकि सामान्य मरीजों पर बुखार का असर कम होने के बाद बीपी सामान्य देखा गया, जबकि दिल के मरीजों को एक लंबे समय तक बुखार की वजह से परेशानी हुई। डॉ. कौल ने बताया कि बुखार के अनियंत्रित बीपी होने पर भी बीपी नियंत्रित करने वाली दवाएं नहीं दी जा सकती, जिससे तेजी से मरीज का प्लेटलेट्स स्तर कम हो सकता है। ऐसे मरीजों की इकोकार्डियोग्राफी कर धड़कन को बिना दवाएं दिए नियंत्रित करने की कोशिश की जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *