नई दिल्ली
देशभर में एंबुलेंस फस्र्ट की मुहिम चल रही है, दो दिन पहले ही पुरी जगन्नाथ यात्रा में एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए वॉलेंटिययों ने मानव श्रंखला बनाकर मिसाल कायम की, वहीं देश की राजधानी दिल्ली में कैट्स एंबुलेंस सेवा बीते दस दिन से बुरी तरह प्रभावित है। मंगलवार को जाफराबार्डर मलिकपुर गांव से गर्भवती महिला के लिए एंबुलेंस बुलाने पर दो घंटे का समय दिया गया, यही नहीं कंट्रोल रूम के कर्मचारी ने यह भी कहा कि जहां शिकायत करनी हो कर दो, एंबुलेंस दो घंटे से पहले नहीं पहुंच सकती।
कैट्स एंबुलेंस की सेवा लेने के लिए मंगलवार को कंट्रोल रूम में जाफराबार्डर से फोन आया, 23 वर्षीय सोनिया को प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचाना था, कंट्रोल रूम से जानकारी दी गई कि दो घंटे से पहले एंबुलेंस नहीं पहुंच सकती, हड़ताल चल रही है कर्मचारियों की, इस बीच जब कहा गया कि मरीज की हालत खराब हो रही है तो जवाब दिया गया कि हम कुछ नहीं कर सकते, आपको जहां शिकायत करनी है कर दो। मालूम हो कि बीते दस दिन से कैट्स कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
सिर मुडंवा कर किया विरोध
जो विरोध के लिए लगभग सभी तरीके अपना चुके हैं, अर्धनग्न अवस्था में विरोध करने के बाद मंगलवार को कर्मचारियों से सामूहिक मुंडन कराया, बावजूद इसके सरकार कैट्स कर्मचारियों की सुध नहीं ले रही, वहीं इसकी जगह दिल्ली सरकार ने कैट्स के लिए नई भर्तियों का आदेश जारी कर दिया है। कैट्स एंबुलेंस स्टॉफ यूनियन के अध्यक्ष नरेन्द्र लाकड़ा ने बताया कि राजधानी की लाइफ लाइन निशुल्क कैट्स एंबुलेंस सेवा बीते दस दिन से बंद पड़ी है। कैट्स कर्मचारी सेवा के निजीकरण के विरोध में बीते दस दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन में डीटीसी बस स्टॉफ, अस्पतालों के संविदा कर्मचारी, आशा कर्मचारी और होमगार्ड ने भी विरोध में मंच साझा करने की बात कही है