निजी मेडिकल कॉलेज की 50 फीसदी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज का शुल्क लगेगा

Group of doctors hold pens and clipboard pads make some notes during medical conference. Therapeutist seminar, professional dispute, hospital life, new remedy or worker introducing concept

नई दिल्ली,
भारत के प्राइवेट कॉलेजों में अत्यधिक फीस के कारण मेडिकल सीटें पाना मुश्किल होता है। इसी के मद्देनजर नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने भारत में देश के प्राइवेट कॉलेजों को सरकारी कॉलेज की फीस पर 50 फीसदी सीटें देने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। यानी कि अगले शैक्षणिक सत्र से प्राइवेट कॉलेज की 50 फीसदी सीटों की फीस सरकारी कॉलेजों के बराबर होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनऔषधि दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में इस बात की आधिकारिक घोषणा की। पीएम ने कहा कि सभी वर्ग के बच्चे अच्छी शिक्षा के हकदार है प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की अधिक फीस के कारण की मेडिकल के छात्र यूक्रेन या विदेशों में पढ़ाई करने जाते हैं, लेकिन देश में ही अब ऐसी व्यवस्था की जाएगीं जिससे प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों को अपनी कुल सीटों की पचास प्रतिशत सीट पर सरकारी मेडिकल कॉलेज की फीस जिनती फीस लेनी होगी, जिससे आर्थिक रूप से अक्षम छात्र भी चिकित्सा शिक्षा की देश में ही पढ़ाई कर सकें। इस बावत नेशनल मेडिकल सेंटर ने एक हफ्ते पहले दिशा निर्देश भी जारी किए थे।

प्राइवेट कॉलेज एक सीमा से अधिक फीस में बढ़ोत्तरी नहीं कर सकेगें
इस गाइडलाइन के अनुसार प्राइवेट कॉलेज एक सीमा से अधिक फीस में बढ़ोत्तरी नहीं कर सकेंगे। इसके साथ ही प्राइवेट कॉलेज में 50 फीसदी सीटों पर फीस सरकारी कॉलेजों के बराबर होगी।
ये नियम अगले सत्र से प्रभावी होगा
आधिकारिक सूत्र के अनुसार एनएमसी के दिशा-निर्देश में कहा गया है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों में 50 प्रतिशत सीटों की फीस राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर होनी चाहिए। ये नियम अगले शैक्षिणिक सत्र से प्रभावी होगा। इस गाइडलाइन को प्रत्येक राज्य की फीस निर्धारण समिति द्वारा अपने संबंधित मेडिकल कॉलजों के लिए अनिवार्य रूप से लागू करना होगा।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार एनएमसी के दिशा-निर्देश में कहा गया है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों में 50 प्रतिशत सीटों की फीस राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर होनी चाहिए। इस गाइडलाइन को प्रत्येक राज्य की फीस निर्धारण समिति द्वारा अपने संबंधित मेडिकल कॉलेजों के लिए अनिवार्य रूप से लागू करना होगा।

शेष उम्मीदवारों को योग्यता के आधार पर मिलेगा लाभ
हालांकि यदि सरकारी कोटे की सीटें कुल स्वीकृत सीटों के 50 प्रतिशत से कम हैं, तो शेष उम्मीदवारों को योग्यता के आधार पर सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर शुल्क का भुगतान करने का लाभ मिलेगा।

नेशनल मेडिकल कमिशन ने इस अधिकार के तहत जारी किया है ये नया आदेश
बता दें कि नेशनल मेडिकल कमीशन की धारा 10ए के अनुसर पैनल निजी चिकित्सा संस्थानों में 50 प्रतिशत सीटों के लिए फीस और अन्य सभी शुल्कों के निर्धारण के लिए दिशा-निर्देश तैयार करेगा और माना जाएगा। केन्द्र ने तत्कालीन एमसीआई के अधिक्रमण में तत्कालीन बोर्ड ऑफ गवर्नर्स से एनएमसी के विचार के लिए मसौदा शुल्क-निर्धारण दिशानिर्देश तैयार करने का अनुरोध किया था, जब भी इसका गठन किया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *