नई दिल्ली: वायु प्रदूषण खासकर सूक्ष्म पार्टिकुलेट मैटर का स्तर पुरुषों में शुक्राणु की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है और उनमें बांझपन ला सकता है। एक नए अध्ययन में यह चेतावनी दी गई है कि शुक्राणु की गुणवत्ता को खराब करने के पीछे पर्यावरण में मौजूद रसायनों के संपर्क में आने को संभावित कारक माना जाता रहा है। लेकिन अनुसंधानकर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या इसमें वायु प्रदूषण की भी कोई भूमिका हो सकती है। इस आशंका की पुष्टि के लिए हांगकांग की चाइनीज यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने 14 से 49 वर्ष के करीब 6500 पुरुषों के स्वास्थ्य पर पीएम 2.5 से कम और लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया। पीएम 2.5 के संपर्क में आने और शुक्राणु के असामान्य आकार के बीच एक मजबूत संबंध देखा गया।
सोर्स: भाषा