नई दिल्ली,
एम्स और आईआईटी दिल्ली के छात्रों ने मिलकर प्लाज्मा डोनर के लिए कोपल19 एप बनाया है। इस एप के माध्यम से कोरोना मरीजों के लिए इस्तेमाल में प्रयोग की जाने वाले प्लाज्मा के डोनर और रिसीवर की जानकारी हासिल की जाएगी। प्लाज्मा डोनर एप पर आधार लिंक के माध्यम से खुद को पंजीकृत कर सकेगें, इसके आधार पर प्लाज्मा डोनर का एक डाटा एप पर इकट्ठा हो जाएगा, प्लाज्मा की जरूरत वाले मरीज अपने इलाज संबंधी जरूरी कागज एप पर डाउपलोड कर संबंधित अस्पताल से प्लाज्मा प्राप्त कर सकते हैं।
आईआईटी दिल्ली ने इस एप को दिल्ली सरकार के लिए लांच किया है। डॉक्टर्स डे एक जुलाई को एप का अनौपचारिक उद्घाटन एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया द्वारा किया गया। एप को गूगल एंड्रायड और आईफोन से डाउनलोड किया जा सकेगा।
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने आईआईटी-दिल्ली के छात्रों की मदद से एक मोबाइल ऐप विकसित किया है। इसके जरिये अस्पताल में मौजूद और छुट्टी पा चुके कोविड-19 के ऐसे रोगियों का समय पर पता लगाया जा सकेगा, जो ठीक होने के 28 दिन बाद प्लाज्मा दान कर सकते हैं। एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) के अध्यक्ष डॉक्टर आदर्श प्रताप सिंह ने कहा कि ‘सीओपीएएल-19’ नामक इस ऐप में एम्स से छुट्टी पा चुके और इलाज करा रहे लोगों की जानकारी होगी। इसके अलावा उनके रक्त समूह की जानकारी भी होगी ताकि जिन रोगियों को प्लाज्मा थेरेपी कराने की जरूरत पड़े उन्हें बिना किसी परेशानी के खून मिल सके। डॉक्टर सिंह ने कहा, ”प्लाज्मा थेरेपी के लिए दानकर्ताओं की कमी के बीच एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों की टीम ने आईआईटी-दिल्ली की टीम के साथ, कोविड-19 से स्वस्थ हो चुके रोगियों और प्लाज्मा थेरेपी के जरूरतमंद रोगियों को एक जगह लाने के लिये यह ऐप विकसित किया है।” इस ऐप को चिकित्सक दिवस के मौके पर एम्स में लांच किया गया। एम्स के न्यूरोसर्जन विभाग के रेजिडेंट डॉक्टर अभिनव सिंह वर्मा ने ऐप को लेकर पहल की। वर्मा ने कहा कि हालांकि इसे अभी एम्स के रोगियों के लिये लांच किया गया है, लेकिन जल्द ही इसे सभी प्लेटफॉर्मों पर उपलब्ध कराया जाएगा। यह एक ऐसा ऐप होगा, जिसे अन्य अस्पताल भी इस्तेमाल कर सकेंगे।