नई दिल्ली,
उसकी खाने की नली में ट्यूमर था, जो लंबे समय से खाने और सांस लेने में परेशानी पैदा कर रहा था। इलाज में यदि थोड़ी भी देर हो जाती तो वह अपनी जान से हाथ धो सकता था। लेकिन सही समय पर सरगंगाराम अस्पताल के चिकित्सकों ने इलाज कर दिया, सबसे अहम है कि मरीज की सांस की नली का यह ट्यूमर ओपेन सर्जरी की जगह इंडोस्कोपिक प्रोसिजर से निकाल दिया। ट्यूमर दो सेमी का था। सर्जरी के दो दिन बाद मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
सरगंगा राम अस्पताल के गैस्ट्रोइंटेलॉजी विभाग के डॉ. अनिल अरोड़ा ने बताया कि मरीज को खाने के साथ ही पानी पीने में भी दिक्क्त हो रही थी, फूड पाइप का एक बड़ा हिस्सा कवर करने की वजह से इसका प्रभाव सांस लेने की नली पर भी पड़ रहा था। जब मरीज को अस्पताल में भर्ती किया गया तो उस समय उसकी हालत काफ नाजुक थी। खाना न खा पाने की वजह से उसका वजन गिर रहा था, जिसके कारण ओपेर सर्जरी करने का रिस्क नहीं लिया जा सकता था। चिकित्सकों से सलाह मशवारा कर मरीज की इंडोस्कोपिक सर्जरी की योजना बनाई गई। जिसमें आधे घंटे के प्रोसिजर में ट्यूमर को बाहर निकाल दिया गया, यह बेहद सुक्ष्म सर्जरी थी, इसमें जरा सी चूक होने पर मरीज की सांस नली पर भी असर पड़ सकता था। सर्जरी करने वाली टीम में डॉ. विकास सिंगला, डॉ. अमित और डॉ. हरि गोेयल शामिल रहे।