नई दिल्ली
यूपीए सरकार ने हमेशा योग्यता को बढ़ावा दिया, किसी से भी यह नहीं पूछा गया कि आप किस पार्टी को सपोर्ट करते हैं। वर्तमान सरकार द्वारा निजी कंपनियों के 20 अधिकारियों को महत्वपूर्ण सरकारी विभागों पर नियुक्त किया, इस तरह की रणनीति देश को खत्म कर देगी। यूपीए सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान दिया, देश में किसी को भी धर्म के साथ पर यहां के लोगों को विभाजित करने का अधिकार नहीं है। अभी चिकित्सा क्षेत्र में भी निजी कंपनियों का दखल बढ़ाने की बात की जा रही है।
एम्स आरडीए द्वारा सम्बद्ध भारत हेल्थ कॉन्क्लेव में बोलते हुए पूर्व केन्द्रीय एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाब नबी आजाद ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान सरकार देश को तबाही की तरफ ले जा रही है। सरकारी उच्च पदों पर 20 सीईओ की नियुक्ति की आखिर जरूरत क्या पड़ी? उन्होंने कहा कि अब लोगों का धर्म और जाति पूछ कर पदोन्नति दी जा रही है। सरकार यह भूल गई है कि संविधान में सभी को पहले समानता का दर्जा दिया गया है। पहले राष्ट्रहित है बाद में राजनीति, जबकि आजकल पहले राजनीति हो गई है। हेल्थ कॉन्क्लेव में बोलते हुए एम्स आरडीए के हरजीत भट्टी ने कहा कि प्रस्तावित एनएमसी बिल में एमबीए प्रवेश परीक्षा में निजी मेडिकल कॉलेजों का हस्तक्षेप बढ़ाया गया है। 40 प्रतिशत सीटे निजी कॉलेजों को दी जाएगी, जिससे चिकित्सकों की कमी बढ़ेगी, निजी कॉलेज लाखों रुपए में सीटों को बेचते हैं। इतनी महंगी मेडिकल चिकित्सा साधारण परिवार से आने वाले चिकित्सक वहन नहीं कर सकते। आरडीए ने ब्रिज कोर्स का भी पुरजोर विरोध किया। कार्यक्रम में जाने माने अधिवक्ता केटीएस तुलसी, हिन्दुस्तान टाइम्स के राजनीतिक संपादक विनोद शर्मा सहित कई लोग उपस्थित थे।