नई दिल्ली,
एक वर्ष से भी अधिक समय बीत चुका है लेकिन दुनिया कोरोना महामारी से आज भी जूझ रही है। इस बीच दुनिया के लिए भारत एक फरिश्ते की तरह सामने आया है। जी हां, भारत ने इस महामारी पर न सिर्फ देश के भीतर काबू पाने में सफलता हासिल की बल्कि दुनिया को इससे उभरने में भी मदद की। भारत ने कई देशो की मदद करने के लिए अपना हाथ स्वयं बढ़ाया। भारत आज इस दिशा में एक कारगर भूमिका निभा रहा है। ये भूमिका अदा करने के लिए भारत देश में बनाई वैक्सीन दूसरे देशों को भेज रहा है। अभी तक भारत करीब 20 देशों को वैक्सीन भेज चुका है। इसी कड़ी में भारत ने मेक्सिको को आठ लाख से अधिक वैक्सीन उपलब्ध कराई हैं।
मेक्सिको को मिली एस्ट्राजेनेका कोरोना वैक्सीन की 870,000 डोज
मेक्सिको को रविवार को भारत से एस्ट्राजेनेका कोरोना वैक्सीन की 870,000 डोज उपलब्ध कराई गई है। वैक्सीनेशन के अगले चरण में देश के वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता पर रखकर वैक्सीनेट करने की योजना है।
42% वैक्सीन भारत से आयात करने की योजना
मेक्सिको के विदेश मंत्री मार्सेलो एबरार्ड ने बताया कि मेक्सिको को मंगलवार तक फाइजर फार्मा कंपनी की 494,000 डोज प्राप्त होगी। रविवार की शिपमेंट से एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की दो मिलियन डोज की लगभग 42% वैक्सीन मेक्सिको को भारत से आयात करने की योजना है। साथ ही इनकी पैकेजिंग का काम स्थानीय स्तर पर किया जाएगा।
वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ एग्रीमेंट
मेक्सिको और अर्जेंटीना ने लैटिन अमेरिका में 250 मिलियन डोज के अंतिम वितरण के लिए वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ एक एग्रीमेंट किया है। उल्लेखनीय है कि मेक्सिको उन देशों में से एक है जहां कोरोना के कारण सबसे अधिक लोगों की मौत हुई है। इस देश में दिसम्बर महीने में स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीनेट करने की शुरुआत की गई थी लेकिन फाइजर के वैक्सीन की खेप के देरी से पहुंचने के कारण वैश्विक स्तर पर वैक्सीन की कमी होने के कारण इस प्रक्रिया में देरी हो गई।
वैक्सीनेशन की अगली प्रक्रिया में फरवरी से लेकर अप्रैल के महीने में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को वैक्सीनेट किया जाएगा जो मेक्सिको की कुल जनसंख्या की 12 प्रतिशत है। इसके साथ-साथ ग्लोबल कोवैक्स सुविधा के माध्यम से अपनी जनसंख्या के 20 प्रतिशत लोगों को वैक्सीनेट करने के लिए पर्याप्त वैक्सीन प्राप्त किए हैं।