नई दिल्ली: भारत में जीका वायरस की पुष्टि हुई है। डब्ल्यूएचओ ने भारत में जीका वायरस के तीन मामले कंफर्म किए हैं। देश में पहली बार जीका वायरस ने दस्तक दी है। कई देशों में तबाही मचाने के बाद भारत में इस वायरस का पहला अटैक का सबूत अहमदाबाद में मिले हैं। अहमदाबाद में जीका वायरस के होने की पहली खबर जनवरी में सामने आई थी, जो अबतक 3 लोगों तक पहुंच चुका है। जनवरी माह में जीका ने अपना पहला शिकार एक गर्भवती महिला को बनाया। जीका वायरस से प्रभावित सभी तीनों लोग अहमदाबाद के बापूनगर इलाके के हैं।
भारत सरकार के स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय ने जीका वायरस की पुष्टि करते हुए कहा है कि लैब की रिपोर्ट में बापू नगर इलाके के 3 लोगों में जीका वायरस मिला है। ये फाइनल नतीजे पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की नेशनल रेफरेंस लैबोरेटरी में आए हैं, जिसमें तीनों लोग आरटी-पीसीआर टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। इस टेस्ट को अहमदाबाद के बी.जे. मेडिकल कॉलेज ने किया था। डब्ल्यूएचओ ने भी इस खबर की पुष्टि करते हुए अपनी वेबसाइट पर इस रिपोर्ट को साझा किया है।
गांधीनगर के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ(आईआईपीएच) के एडिशनल प्रोफेसर डॉ दीपक बी सक्सेना ने कहा कि जीका और डेंगू एक ही तरीके से फैलते हैं। हमें पूरे घटनाक्रम पर नजर रखने की जरूरत है। सरकार मलेरिया के साथ ही अन्य मच्छरजनित रोकों पर रोक के उपाय करे, क्योंकि एक रोग पर रोक की कोशिश में दूसरा छूटना नहीं चाहिए। अहमदाबाद नगर निगम के वैज्ञानिक डॉ विजय कोहली ने कहा कि हम हालात पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीका वायरस से गर्भवती महिलाओं और आने वाले शिशु को बेहद नुकसान होता है। इससे प्रभावित बच्चों का सर सामान्य बच्चों की तुलना में छोटा होता है। साथ ही उनका दिमाग भी विकसित नहीं हो पाता