नई दिल्ली: 55 वर्षीय अश्विनी का वजन बीते कुछ महीने से लगातार बढ़ रहा था। टाइपटू और हापरटेंशन के शिकार अश्विनी का वजन डायट और व्यायाम से कम भी नहीं हुआ तब उसने बैरिएट्रिक सर्जरी के लिए चिकित्सक से संपर्क किया। जांच में पता चला कि डायबिटिज की वजह से नहीं बल्कि पेट के दाहिनी ओर तेजी से बढ़ रहे ट्यूमर की वजह वजन बढ़ रहा है। जांच के बाद सर्जरी कर चिकित्सकों ने 11. 5 किलोग्राम का ट्यूमर निकाला गया।
प्रारंभिक जांच में पता चला कि मरीज के पेट में दाहिनी ओर खिंचाव और भारीपन था, जिसका असर पेट के बाएं हिस्से की तरफ भी बढ़ रहा था। अल्ट्रासाउंड जांच में ट्यूमर की पहचान हुई, जिसका अधिकांश हिस्सा किडनी और अमाश्य की वेनोकोवा आंत से जुड़ा हुआ था। सर्जरी करने वाले बैरिएट्रिक और जीआई सर्जरी विभाग के डॉ. रनदीप वाधवान ने बताया कि वजन एड्रिनल मायोलोपिमा ट्यूमर की वजह से बढ़ रहा था, जिसके कारण किडनी पर लगातार दवाब पड़ने के कारण मरीज के हाथ और पांव में सूजन हो गई थी, 11.5 किलोग्राम के ट्यूमर की वजह से बढ़ी सूजन और आंतरिक द्रव्यों के बढ़ने के कारण मरीज का वजन 120 किलोग्राम हो गया था जो ट्यूमर निकानल के बाद 90 किलोग्राम रह गया। दो से तीन प्रतिशत मामलों में एड्रिनल मायोलोपिमा की वजह जेनेटिक मानी गई है, लेकिन यह तेजी से बढ़ता है, समय पर सर्जरी न होने पर ट्यूमर फटने का डर रहता है जो जानलेवा भी हो सकता है।